भोपाल। इंदौर में हुई मॉब लिंचिंग (mob lynching) के मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam mishra) ने कहा कि आरोपी हिंदू नाम रखकर चूड़ी बेचता था, जबकि वह दूसरे समुदाय का था. उसके पास से दो आधार कार्ड भी मिले हैं. मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. फिलहाल, सेंट्रल कोतवाली पुलिस ने अज्ञात लोगों पर 14 धाराओं में जीरो FIR दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने भी ट्वीट कर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्विट कर लिखा है कि, 'इंदौर का यह वीडियो भगवा तालिबानियों का है, एक चूड़ी बेचने वाले मुस्लिम युवक को जिस अभद्र भाषा, जातीयता का उल्लेख कर मॉब लीचिंग किया जा रहा है, यह आतंकवाद है या राष्ट्रवाद. क्या कार्यवाही होगी या कुर्ते का रंग देखकर इन्हें "हिन्दूरत्न" से सम्मानित किया जाएगा? किधर ले जा रहे हैं देश को.
दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर गृहमत्री का पलटवार
उधर, उज्जैन में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा ट्वीट किया गया था, जिसके लेकर अब गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है. गृह मंत्री ने कहा कि, दिग्विजय सिंह को सिर्फ तुष्टीकरण के लिए इस तरह के लोगों के साथ खड़ा होना है. विश्व में कहीं भी काजी साहब के नाम के नारे नहीं लगे, जबकि दिग्विजय सिंह ने उज्जैन में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों में काजी साहब का नाम सुन लिया. उनकी श्रवण क्षमता अद्भुत है.
गृह मंत्री ने आगे कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के शब्द तो मेल खा सकता है, लेकिन पाकिस्तान शब्द से काजी साहब शब्द का मेल कैसे खा सकता है. यह सिर्फ दिग्विजय सिंह ही कर सकते हैं. वह अद्भुत क्षमता के धनी हैं, जो लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. दिग्विजय सिंह को उनका नेतृत्व करते हुए उन्हें पाकिस्तान तक छोड़कर आना चाहिए. इसमें मेरे सहयोग की जरूरत होगी वह दी जाएगी.
चूड़ियां बेचने वाले युवक की पिटाई का वीडियो वायरल, अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज