भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार लव जिहाद को लेकर आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक पेश करने जा रही है. जिसको लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. जहां एक ओर बीजेपी के नेता इन कानून को लेकर कह रहे हैं कि इन कानून की सख्त जरूरत है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने बीजेपी पर कानून के जरिये धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस के बयान पर गृहमंत्री का पलटवार कांग्रेस ने कानून को धर्म विशेष से जोड़ा कांग्रेस ने बीजेपी पर कानून के जरिये धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करने का जहां आरोप लगाया है. वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस लव जिहाद कानून को धर्म विशेष से जोड़ रही है. हमने ऐसा कहीं नहीं कहा है, सिर्फ यह कहा गया है कि लालच और प्रलोभन देकर विवाह कोई भी करता है तो 5 साल की कठोर करावास सजा मिलेगी.
नरोत्तम मिश्रा का कांग्रेस पर पलटवार
कमलनाथ पर हमला बोलते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि परिणाम आने के बाद से वह कहां हैं इस समय किसी को नहीं पता है. वह सिर्फ आपको ट्विटर पर मिलेंगे. गांधी परिवार से लेकर कोई नेता कांग्रेस में ऐसा नहीं हैं, जो गौधन की पूजा करता हो या फिर लक्ष्मी जी पूजा या फिर भाई दूज मनाता हो.
कांग्रेस को नहीं पता गोधन क्या है ?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आज जन्मदिन है जिसको लेकर कांग्रेस सुंदरकांड का आयोजन कर रही है. इसको लेकर नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस का यह सॉफ्ट हिंदुत्व नहीं है. सिर्फ स्टंट है. राहुल गांधी कभी नहीं दिवाली भाईदूज, गोवर्धन मनाते नहीं दिखे हैं. कमलनाथ को खुद को नहीं पता है कि गोधन होता क्या है.
लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की तैयारी
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार पहले ही साफ कर चुकी थी, कि लव जिहाद को लेकर विधेयक लाकर कानून बनाया जाएगा. लेकिन अब इस विधेयक का पूरा मसौदा तैयार कर लिया गया है. आगामी विधानसभा सत्र में लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 के लिए विधेयक लाया जाएगा. और विधेयक के बाद इसे कानून बनाया जाएगा. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि इस कानून में कई प्रावधान किए गए जाएंगे. जिसके तहत बलपूर्वक धर्मांतरण कराना और शादी करना संगीन अपराध होगा. और इसे लेकर गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा. जिसमें अधिकतम 5 साल का कठोरतम कारावास का प्रावधान होगा.