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MP में सड़क दुर्घटना कानून का जारी है विरोध, वाहनों के पहिए थाम ड्राइवर कर रहे आंदोलन - सड़क दुर्घटना कानून

MP Drivers Protest: केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून को लेकर एमपी में विरोध प्रदर्शन जारी है. कई जिलों में ड्राइवरों ने बस, ट्रक और ट्रैक्सी के पहिए थाम दिए हैं. प्रदर्शनकारी सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

MP Drivers Protest
एमपी में ड्राइवरों का विरोध प्रदर्शन

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 4:05 PM IST

Updated : Jan 1, 2024, 7:31 PM IST

एमपी में सड़क दुर्घटना कानून का विरोध

MP Drivers Protest। केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर मध्य प्रदेश में लगातार विरोध जताया जा रहा है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ड्राइवर यूनियन हड़ताल कर रहे हैं. राजधानी भोपाल में ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया. भोपाल में कई जगह पर ट्रक और बस ड्राइवरों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं. इसी तरह सागर, मैहर और इंदौर में भी ड्राइवर अनिश्चिकाली हड़ताल पर निकले हैं. उन्होंने सरकार से कानून वापस लेने की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की मांग की है.

राजधानी में थमे पहिए:नए साल के पहले दिन ही कई शहरों को चलने वाली बसे आईएसबीटी और लालघाटी बस स्टैंड पर खड़ी है. ऐसे में भोपाल में आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही भोपाल से कई जगहों पर चलने वाली चार्टर्ड बस अभी चल रही है, फिलहाल उनके ड्राइवर अभी इस हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं. राजधानी भोपाल में ही 25000 से अधिक ट्रक, बस और कॉमर्शियल वाहनों के ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. राजधानी में चलने वाली लो फ्लोर बसें और मैजिक ऑटो चालकों कैब चालक भी इस हड़ताल में शामिल है. जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.इस संबंध में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने बताया है कि 2 जनवरी को देश भर में ट्रांसपोर्टर की एक बड़ी बैठक होने वाली है. जिसमें आगे की रणनीति पर बात की जाएगी.

पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने वालों की बढ़ी संख्या

मैहर में भी हिट एंड रन का विरोध:वहीं हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में मैहर जिले में भी बसों के पहिये थमे नजर आये. चालको का कहना है की काला कानून वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करेंगे. यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. इसके साथ ही व्यपार में भी इसका असर देखने को मिला है. चालकों का कहना है के ये काला कानून है जो मंजूर नहीं है. इसका विरोध जारी रहेगा. अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो पहिये ऐसे ही थमे रहेंगे. बात दें के जिला मुख्यालय से रोजना करीब 200 बसों का संचालन किया जाता है. जिले में अन्य जगहों पर भी बसों का संचालन किया जाता है, लेकिन नए कानून के बाद आज जिले भर में बस नहीं चल रही है.

इंदौर और सागर में भी प्रदर्शन:इंदौर में भी सड़क दुर्घटना कानून को विरोध साफ देखने मिल रहा है. पिछले 2 दिनों से ड्राइवर हड़ताल पर हैं. इंदौर के गंगवाल बस स्टेशन पर बस एवं ट्रक ड्राइवर संगठन ने उग्र होकर प्रदर्शन किया. बेरीकेट्स लगाकर चौराहे पर चक्का जाम किया. जबकि सागर में हडताल की खबर फैलते ही पेट्रोल पंपों पर भीड़ के हालात बन गए. सागर शहर में भी तमाम पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवान के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. इसी कड़ी में सिविल लाइन स्थित एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने को लेकर कुछ लोगों और पेट्रोल पंप कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति बन गयी. बताया जा रहा है कि विवाद करने वाले लोग बोतल में पेट्रोल मांग रहे थे, लेकिन कर्मचारियों ने मना कर दिया. हालात ये बने कि कर्मचारी से झगडे़ के बाद कुछ लोग तलवार लेकर पेट्रोल पंप पहुंच गए तो पेट्रोल पंप संचालक ने हवाई फायर कर दिए.

एमपी में बसें हुईं बंद

चंबल-अंचल में भी विरोध:इसके अलावा भिंड और अंचल के गोहद, मेहगांव तिराहे पर भी प्रदर्शन जारी है. वाहन चालक हिट एंड रन कानून को काला कानून बताते हुए सड़कों पर उतर गए हैं. इन प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सड़कों पर चल रहे वाहनों को रोक कर चक्काजाम करने का भी प्रयास किया. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए वाहन चालकों को समझाइश दी. तो वहीं मुरैना में चालकों ने नेशनल हाईवे-44 पर स्थित बैरियर चौराहे पर जाम लगाकर केंद्र सरकार और अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कानून वापस लेने की मांग की है.

कानून वापस लेने की मांग

डिप्टी सीएम बोले बात करने से निकलेगा हल: शहडोल और सीहोर में भी ड्राइवरों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं इस मामले में सीहोर पहुंचे डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि चक्का जाम किसी चीज का हल नहीं है, बातचीत करके हल निकाला जा सकता है. बता दें डिप्टी सीएम ने सीहोर के प्राचीन गणेश मंदिर में परिवार सहित पूजा-अर्चना की.

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क्या है मामला: दरअसल सरकार ने हिट एंड रन मामले में कानून में संशोधन करते हुए दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल की कैद का प्रावधान किया है. इस कानून के विरोध में एआईएमटीसी (ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस) ने संशोधन का विरोध करते हुए देश भर में हड़ताल शुरू कर दी है. हड़ताल के तहत देश भर में ट्रांसपोर्टर अघोषित हड़ताल पर चले गए हैं.

Last Updated : Jan 1, 2024, 7:31 PM IST

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