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मध्यप्रदेश के लाल परेड ग्राउंड की कहानी, जहां पंडित रविशंकर शुक्ल ने पहली बार दिया था भाषण - First Chief Minister of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का लाल परेड ग्राउंड सूबे के इतिहास और विकास का गवाह रहा है. जहां स्वतंत्र भारत के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल का पहला भाषण था. जानें क्या है इस लाल परेड ग्राउंड का इतिहास...

Lal Parade Ground
लाल परेड ग्राउंड

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Published : Aug 12, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 7:30 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का लाल परेड ग्राउंड सूबे के इतिहास और विकास का गवाह रहा है. देश के आजाद होने के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल का पहला भाषण इसी मैदान पर हुआ था. लाल परेड ग्राउंड का नामकरण बाद में मोतीलाल नेहरू ग्राउंड के रूप में हुआ. 1957 के बाद हर साल इसी ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस ग्राउंड का इतिहास करीब डेढ़ सौ साल पुराना है.

लाल परेड ग्राउंड

लाल परेड ग्राउंड का इतिहास

भोपाल का लाल परेड मैदान नए और पुराने शहर की लक्ष्मण रेखा माना जाता है. इस लाल परेड मैदान का करीब डेढ़ सौ साल पुराना इतिहास है. रियासत कालीन पलटनों की परेड के लिए तैयार किए गए इस ग्राउंड से नवाब जहांगीर मोहम्मद खान का रिश्ता जुड़ा है.

उन्होंने ही यहां जहांगीराबाद बसाया. 1837 से 1844 के बीच जहांगीर मोहम्मद खान ने लाल परेड ग्राउंड का निर्माण कराया, उसी दौरान अरेरा हिल्स पीछे की तरफ जहांगीर कोठी को बनाया गया और उसके सामने ये मैदान था. इस मैदान में परेड होती थी, इसलिए इसे परेड ग्राउंड कहा जाने लगा और मिट्टी की सुर्खी के नाम के साथ लाल रंग को भी जोड़ दिया. लाल परेड ग्राउंड में लड़ाकू को लाल ड्रेस पहनाई जाती थी.

लाल परेड ग्राउंड और काली परेड ग्राउंड

भोपाल के इतिहास के जानकार मोहम्मद रिजवान बताते हैं कि जहांगीर मोहम्मद ने भोपाल में लाल परेड ग्राउंड और डीआईजी बंगले पर काली परेड ग्राउंड बनाया था. इसके बाद अफगान लड़ाकू बुलवाए गए थे. लाल परेड ग्राउंड में लड़ाकू को लाल ड्रेस और काली परेड ग्राउंड में लड़ाकू को काली ड्रेस पहनाई जाती थी.

नवाबी दौर से लेकर ब्रिटिश राज के साथ में और उसके बाद भोपाल की तहजीब को करीब से देखने वाले लाल परेड ग्राउंड ने देश के कई रहनुमाओं और शायरों को सुना है. 1952 में जवाहरलाल नेहरू भोपाल आए तो लोगों ने उन्हें यहीं सुना.

प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री का पहला उद्बोधन

देश आजाद हुआ तो मध्यप्रदेश की राजधानी में मैदान खास बन गया. 1 नवंबर 1956 की सुबह भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ला का प्रथम उद्बोधन हुआ. इसके बाद प्रदेश के पहले राज्यपाल डॉक्टर पट्टा भी इसी तरह इस ग्राउंड परेड की सलामी ली. जहांगीर कोठी को बाद में मध्य प्रदेश का पुलिस मुख्यालय बना दिया गया.

ब्रिटिशों के स्वागत के लिए बनाई गई लाल कोठी

इसी तरह 1980 में ब्रिटिश अधिकारियों के स्वागत के लिए लाल कोठी बनाई गई थी. ये शहर की पहली कोठी थी, जिसे लाल ईंटों से बनाया गया, इसलिए इसे लाल कोठी नाम दिया गया. अब ये लाल कोठी राजभवन के नाम से जाना जाता है.

Last Updated : Aug 12, 2020, 7:30 PM IST

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