भोपाल। भोपाल के बड़े तालाब के पास यह शहर कैसा हो, सड़कें व चौराहे कहां और कितने हों, चारों ओर से कैसे सुरक्षित हो, दरवाजे कितने और कहां हों, इसकी विस्तृत डिजाइन खुद राजा भोज (1010 -1055) ने ही बनाई थी. तब वह छोटा सा भोपाल 12 दरवाजों के साथ एक चारदीवारी से घिरा था. अब इस जगह को पुराना भोपाल के नाम से जाना जाता है.
भोपाल में परमार, नवाब, गोंड शासक ने राज किया है, जिन्होंने शहर में कई एतिहासिक इमारतों का निर्माण कराया हैं. जो आज भोपाल की शान है. जिन्हें बचाने के लिए कई बार पुरात्व विभाग की तरफ से प्लान तैयार किया गया. लेकिन कभी जमीन पर नहीं पहुंच पाया. जिससे शहर की अधिकतर इमारज और गेट बर्बादी की कहानी बयां कर रहे हैं.
बीतते साल, बर्बाद होता इतिहास
पाल के पुराने शहर में 15 ऐतिहासिक दरवाजे है जिसमें इस्लामी गेट, लाल दरवाजा, नूर महल दरवाजा, बाग फरहत, अफगान गेट को संवारने के लिए लंब समय से कवायद चल रही है. लेकिन अब इन दरवाजों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है. लाल दरवाजा, नूर महल दरवाजा और बाग फरहत अफगान गेट पर अतिक्रमण का कब्जा है. इस्लामी गेट पर स्थानीय अवैध कब्जेधारियों के विरोध के चलते काम शुरू नहीं हो पाया. इतिहास को सवारने के लिए 105 करोड़ से जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर बना ली गई थी लेकिन आजतक जमीन पर काम शुरू नहीं हो पाया.
अतिक्रमण की चपेट में पुराना भोपाल के एतिहासिक गेट
- मोतिया तालाब के पास तीन मोहरे गेट का निर्माण 1871 से 1884 के बीच हुआ, इसे बेगम सुल्तानजहां ने बनाया था. दो दरवाजों से ट्रैफिक गुजरता है. जिसे दुस्र्स्त किया गया, लेकिन अब भी अतिक्रमण की चपेट में है.
- इस्लामी गेट का निर्माण सुल्तान जहां बेगम ने कराया था. इसका इस्तेमाल नवाब परिवार इस्लाम नगर जाने के लिए करता था. इस गेट के पास गुमठियां व कुछ पक्के निर्माण हो गए हैं. वहीं गेट जर्जर हालत में है.
- ताजमहल का एंट्री गेट का निर्माण नवाब शाहजहां बेगम ने 1861 से 1901 में करवाया था. इसके बाजू में कबाड़ी और अन्य टीन शेड बने हुए हैं, जिन्हें अब तक हटाया नहीं गया है. जबकि ताजमहल का रेनोवेशन शुरू हो गया है.
- शाहजहांनाबाद गेट का निर्माण शाहजहां बेगम ने कराया था. इसका इस्तेमाल शाही मेहमानों को लाने के लिए होता है. इसके आसपास भी गुमठियां और ठेले लग गए हैं. गेट की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हो रही है.
- जुमेराती गेट भी अतिक्रमण की चपेट में है, चारों तरफ मार्केट लगता है. गेट कहीं नहीं दिखाई देता है.
- दाखिल दरवाजा के बाजू में कबाड़ी और अन्य टीन शेड बने हुए हैं, जिन्हें अब तक हटाया नहीं गया है. जबकि ताजमहल का रेनोवेशन शुरू हो गया है.