भोपाल।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी जारी कर दी है. वहीं मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग पहले ही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर करने में जुटा हुआ है. प्रदेश में 30 सितंबर तक ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़कर 27 हजार हो जाएगी. अभी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 19 हजार 359 ऑक्सीजन बेड हैं. इस महीने के अंत तक केन्द्र सरकार से प्रदेश को 5 हजार 970 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिलने की उम्मीद है.
ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा MP
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन को लेकर खूब मारामारी हुई थी. तीसरी लहर से पहले सरकार की कोशिश है कि दूसरे राज्यों के आगे अब हाथ न फैलाना पड़े. 30 जुलाई तक प्रदेश को केन्द्र सरकार से 5970 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिलेंगे. जिसके बाद प्रदेश में इसकी उपलब्धता बढ़कर 12339 हो जाएगी. प्रदेश में अभी स्वास्थ्य विभाग के पास 6019 और चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास 350 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर हैं.
वातावरण से गैस को खींचकर उसमें से ऑक्सीजन तैयार करने वाले 176 पीएसए तकनीक वाले प्लांट प्रदेश में लगाए जाने हैं, इनमें से 25 में उत्पादन शुरू हुआ है, बाकी सभी 15 सितंबर तक शुरू किए जाएंगे. केन्द्र सरकार द्वारा 8 कंपनियों के माध्यम से 111 पीएसए प्लांट लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा 17 प्लांट सरकार DRDO, CSIR सहित पांच कंपनियों की मदद से लगाएगी, वहीं 30 प्लांट CSR फंड से लगाए जा रहे हैं. ऑक्सीजन प्लांट से हर रोज 207 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सीधे बिस्तरों तक पहुंचेगी.
अक्टूबर तक बढ़ेगी एंबुलेंस की संख्या
प्रदेश में अभी 108 एम्बुलेंस के तहत 606 एम्बुलेंस संचालित हो रही है, जिसे अक्टूबर तक बढ़ाकर 1002 किया जाएगा. इसमें एडवांस लाइफ सर्पोट के 56 वाहन और बेसिक लाइफ सपोर्ट के 550 वाहन हैं. जिसे बढ़ाकर एडवांस लाइफ सपोर्ट वाहनों को 167 और बेसिक लाइफ सपोर्ट वाहनों को 835 किया जाएगा. जननी एक्सप्रेस के 820 एम्बुलेंस हैं, जिन्हें अक्टूबर तक 1050 किया जाएगा.