भोपाल। राजस्थान के उदयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित चिंतन शिविर मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं को खासी तवज्जो दी गई है. पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चिंतन शिविर में सामाजिक न्याय समिति में जगह दी गई है. वहीं किसानों के लिए बनी समिति में पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव को स्थान दिया गया है. दोनों ही नेता इन समितियों के जरिए कांग्रेस की अगली रणनीति की तैयारी में अहम भूमिका निभाएंगे. माना यह जा रहा है कि हाईकमान द्वारा असंतुष्ट नेताओं को जिम्मेदारी देने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी लगभग समाप्त हो गई है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिलेगी नई दिशा : प्रदेश कांग्रेस के मिशन 2023 को उदयपुर के चिंतन शिविर से नई दिशा मिलने की संभावना है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी किस रणनीति से मैदान में उतरे और किन मुद्दों से भाजपा सरकार को घेरे, इस पर चिंतन शिविर में मंथन होने के आसार हैं. चिंतन शिविर में मध्यप्रदेश से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्यसभा सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा व राजमणि पटेल, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव व सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन और अजय सिंह राहुल शामिल होने गए हैं.
इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी : शिविर के लिए विभिन्न समितियों में से एक किसान और कृषि उत्थान समिति में अरुण यादव को शामिल किया गया है. इस समिति द्वारा शिविर में किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दा को रखा जाएगा. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज मुक्ति जैसे बड़े वादे के सहारे सत्ता में वापसी की थी. इसको लेकर अरुण यादव अपनी समिति का एक प्रेजेंटेशन देंगे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सामाजिक न्याय से जुड़ी समिति में शामिल किया गया है. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा मध्य प्रदेश मे गरमाया हुआ है. चिंतन शिविर में इस पर विशेष चर्चा होने की संभावना है.