भोपाल। तपस्या शब्द और हरितालिका तीज को एक माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए लंबी उम्र की कामना तो करती ही हैं, साथ ही सौभाग्यवती होने का आशिष भगवान से मांगती हैं. सौभाग्य सिद्धी के लिए किया जाने वाला यह सबसे कठोर व्रत है. इस साल 30 अगस्त दिन मंगलवार को हरितालिका तीज पड़ रहा है. लिहाजा इसके लिए तैयारियां अभी से शुरु हैं. सुहागन महिलाएं कठोर व्रत के लिए तैयार हैं. यह व्रत सोमवार की अर्ध रात्रि से ही शुरु हो जाएगा. सूर्योदय से पहले जल ग्रहण करने की परंपरा है. उसके बाद महिलाएं अपने मुख में अन्न जल दोनों का त्याग कर देती हैं. शास्त्र सम्मत पूजा-पाठ और उद्यापन के बाद ही व्रत संपन्न होता है. ज्योतिषों के अनुसार हरितालिका तीज पर 15 साल बाद विशेष योग बन रहा है, मान्यता है कि इस योग में व्रत और पूजन करने से सुहागन महिलाओं की मनोकामना पूर्ण होती हैं.
हरतालिका तीज पर बन रहा विशेष योग:उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के कारण हरतालिका तीज पर 15 साल बाद विशेष योग बन रहा है. तीज 29 अगस्त को शाम 3 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 सितंबर को दिन के 3 बजकर 33 मिनट तक रहेगी. वहीं हरतालिका तीज व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा. जो सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त सुबह 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. (Hartalika Teej 2022 Date And Time) (Hartalika Teej 2022 Vrat Samagri)
सूर्योदय से पहले खाना होता है खीरा और मक्का:व्रत शुरु करने के एक और तरीका काफी प्रचलित है. खीरा और मक्का का सेवन कर देश के कई राज्यों में महिलाएं इसकी शुरुआत करेंगी मगर वो भी सूर्योदय से पहले. इसके बाद 24 घंटे तक कुछ भी नहीं खाया जाता. पानी तक पीने से परहेज किया जाता है. यह सबसे कठोर व्रतों में से एक है. महिलाएं यह व्रत सौभाग्य, सुख, समृद्धि के साथ पति के साथ लंबी उम्र गुजारने के लिए करती हैं. (haritalika teej worship method)
मां पार्वती ने सौभाग्य प्राप्ति के लिए किया था सबसे पहले ये व्रत:पंड़ित सुशील शुक्ला शास्त्री की माने तो शास्त्रों में इस व्रत का वर्णन है. इसे सबसे पहले मां पार्वती ने सौभाग्य प्राप्ति के लिए किया था. इस व्रत के दौरान मां पार्वती ने अन्न और जल का त्याग किया था. माता पार्वती के इस कठिन तप से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसके बाद ही तय हुआ कि जो महिला तीज का कठोर व्रत करेंगी, उनको सर्वोत्म पति, सुख, संतान और सौभाग्य मिलेगा.
ऐसे करें हरतालिका तीज की पूजा:पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि तीज का व्रत करने के बाद उसकी पूजा के लिए पहले फूल का एक चंगोरा बना ले, कहीं-कहीं उसे फुलहरा भी कहते हैं, उसके बाद सहेलियों के साथ बैठकर आसपास की महिलाओं के साथ बैठकर उस पूजा को संपन्न करें, क्योंकि इस पूजा को अकेले नहीं किया जाता है, बल्कि कई महिलाएं एक साथ मिलकर करती हैं. सबसे पहले शिव और पार्वती की मूर्ति बनाकर वहां पर फूल, बेल पत्ती, बंदन, मिष्ठान पकवान सब चढ़ाकर वहां पर पूजन करना होता है. 6 प्रहर परिक्रमा और वहां पर हवन करें फिर रात में भक्ति के रंग में गाना बजाना होता है. वहां पूरी रात जागरण करें. कहा जाता है कि पूरे विधी विधान से व्रत करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. तीज के इस विशेष दिन के लिए पूरे दिन बाजार में चहल-पहल बनी रहती है. सुबह से ही बाजार में लोग खरीददारी के लिए निकले लगते हैं.