मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

दिव्यांगों को है 40 हजार पदों पर भर्ती का इंतज़ार, एमपी में सिर्फ एक ही दिव्यांग IAS

ये डगर नहीं आसां, बस इतना समझ लिजिए कि सरकार को आश्वासन देना है और आपको गफलत में रहना है! ये स्थानीय कहावत इन दिनों में एमपी के दिव्यांगों के बारे में सच साबित हो रही है. दिव्यांगों के लिए सरकारी भर्तियों में 6% आरक्षण की व्यवस्था की गई. लेकिन प्रदेशभर में 40 हजार से ज्यादा दिव्यांगों को अभी भी विभिन्न पदों भर्ती का इंतजार है. देखिए ये खास रिपोर्ट.

Waiting for recruitment
भर्ती का इंतज़ार

By

Published : Dec 17, 2020, 4:37 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरी की राह बहुत आसान नहीं है. सरकारी भर्तियों में दिव्यांगों के लिए 6% आरक्षण की व्यवस्था की गई है. हालांकि तमाम नियमों के बाद भी दिव्यांगों के पद पूरी तरह से नहीं भर पाते हैं. जानकारी के मुताबिक एमपी में दिव्यांगों के करीब 40 हजार से ज्यादा पद अब तक भरे ही नहीं जा सके हैं. यही नहीं प्रदेश में दिव्यांग बच्चों के लिए संख्या के हिसाब से पर्याप्त टीचर ही उपलब्ध नहीं हैं.

ग्राफिक्स डिजाइन

नौकरियों में 6 फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था

मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी में दिव्यांगों के लिए 6 फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है. पूर्व में दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित, और अस्थि बाधितों को दो-दो फीसदी का आरक्षण दिया जाता था, लेकिन पिछले साल से इसमें एक नई श्रेणी जोड़ दी गई. चौथी श्रेणी में ऑटिज्म, बौद्धिक दिव्यांगता, स्पेसिफिक लर्निंग, डिसेबिलिटी, मानसिक बीमार, बहु विकलांगता को शामिल किया गया है. इसके बाद चारों श्रेणियों में 1.5 फीसदी के हिसाब से आरक्षण की व्यवस्था की गई है. हालांकि इसको लेकर विकलांग संघ लगातार अपनी नाराजगी जता रहा है. राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ निशक्तजनों के आरक्षण को 6 फ़ीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी किए जाने की मांग कर रहा है. प्रदेश में करीब आठ लाख दिव्यांग हैं.

दिव्यांगों को है 40 हजार पदों पर भर्ती का इंतज़ार

सरकारी भर्तियों में राह मुश्किल

सरकार ने भले ही सरकारी भर्तियों में विकलांगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन इसके बाद भी दिव्यांगों के लिए आरक्षण के आधार पर पद पूरी तरह से भरे नहीं जा सके हैं. बताया जा रहा है कि दिव्यांगों के करीब 40 हजार पद रिक्त पड़े हैं. राष्ट्रीय विकलांग संघ मध्य प्रदेश के महासचिव अवधेश विश्वकर्मा के मुताबिक 2013-14 में दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती अभियान के तहत भर्तियां की गईं थी. इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. अवधेश विश्वकर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग, पर्यटन, पीडब्ल्यूडी सहित कई विभागों के पदों को नहीं भरा जा सका है. मध्यप्रदेश में IAS के पद पर सिर्फ एक ही भर्ती हो सकी है. दिव्यांग IAS अधिकारी कृष्ण गोपाल तिवारी निशक्तजन आयुक्त हैं.

दिव्यांग बच्चों के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं

दिव्यांग बच्चों के लिए प्रदेश में पर्याप्त संख्या में टीचर ही नहीं हैं. प्रदेश के स्कूलों में रजिस्ट्रेशन कराने वाले दिव्यांग बच्चों की संख्या करीब एक लाख से ज्यादा है. लेकिन हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीबन 12 हजार तक ही है. स्कूल शिक्षा विभाग के दावे के मुताबिक इन बच्चों के लिए प्रदेश में 386 मोबाइल स्रोत सलाहकारों की नियुक्ति की गई है. माना जाता है कि ऐसे आठ दिव्यांग बच्चों पर एक टीचर होना चाहिए, इसलिए यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है. सभी जन शिक्षा केंद्रों पर एक टीचर होना चाहिए. प्रदेश में करीब 5000 जन शिक्षा केंद्र हैं. हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सभी भर्तियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाती है. पिछले दिनों सभी विभागों से दिव्यांगों के खाली पड़े पदों की जानकारी मांगी गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details