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रेमडेसिविर इंजेक्शन केस में आया नया मोड़, गड़बड़ी पर पर्दा डालने की कोशिश - Hamidia Remadecivir injection case

मीदिया हाॅस्पिटल से रेमडेसिविर इंजेक्शन गायब के इतने दिनों बाद, चोरी हुए 863 इंजेक्शन में करीब 450 ड्रग स्टोर में ही मिल गए हैं. इसके बाद पुलिस इसे चोरी की घटना ही नहीं मान रही है.

Remdesivir
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Published : Apr 21, 2021, 6:37 PM IST

भोपाल। हमीदिया हाॅस्पिटल से रेमडेसिविर इंजेक्शन गायब होने के पूरे मामले को पुलिस 'रफादफा' करने में जुट गई है. क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक चोरी हुए 863 इंजेक्शन में करीब 450 ड्रग स्टोर में ही मिल गए हैं. इसके बाद पुलिस इसे चोरी की घटना ही नहीं मान रही है. पुलिस अब इस मामले में अमानत में ख्यानत की धाराओं में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. हालांकि इस पूरे मामले से हमीदिया हाॅस्पिटल के दवा स्टोर में बड़ी धांधली सामने आई है.

स्टाॅक रजिस्टर खाली, पर्चियों पर मिला हिसाब

क्राइम ब्रांच की जांच में हमीदिया हाॅस्पिटल के स्टोर में बड़ी धांधली सामने आई है. क्राइम ब्रांच को पिछले चार दिनों में हमीदिया प्रशासन इंजेक्शन की खपत का पूरा हिसाब ही उपलब्ध नहीं करा सका. बताया जा रहा है कि हमीदिया हाॅस्पिटल में न तो रेमडेसिविर इंजेक्शन के आने का रिकाॅर्ड उपलब्ध है और न ही इन्हें इश्यू करने का. स्टोर के स्टाॅक रजिस्टर पूरी तरह से खाली है और इंजेक्शन का पूरा रिकाॅर्ड पर्चियों पर लिखा हुआ है. यही वजह थी कि हाॅस्पिटल के साफ सफाई करने वालों तक के पास इंजेक्शन पहुंचे. हाॅस्पिटल में रिकार्ड के अनुसार स्टोर में पहुंचे रेमडेसिविर इंजेक्शन से ज्यादा इंजेक्शन मिले हैं.

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घटना को क्यों दिया चोरी की शक्ल

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की मानें तो फिजिकल वैरीफिकेशन में चोरी गए इंजेक्शन में से करीब 450 इंजेक्शन, हमीदिया के स्टोर रूम में ही मिल गए हैं. अधिकारियों का मानना है कि इंजेक्शन की बड़ी मात्रा में हुई गड़बड़ी के चलते घबराहट में कर्मचारियों ने चोरी की एफआईआर दर्ज करा दी, लेकिन यह घटना चोरी की नहीं थी, जबकि यह घटना चोरी की नहीं है.

घटना को लेकर कई सवाल?

पुलिस अधिकारी इसे चोरी की घटना नहीं बता रहे है, तो सवाल उठा रहा है कि आखिर कर्मचारियों ने आखिर किस गड़बड़ी की छुपाने के लिए घटना को चोरी की शक्ल में पेश क्यों किया? क्यों अंदर से जाली को तोड़ा गया. यदि कथित रूप से चोरी गए 863 इंजेक्शन में से 430 इंजेक्शन वैरीफिकेशन में मिल गए हैं, तो बाकी इंजेक्शन कहां गए? आखिर इन इंजेक्शन के मिलने के पहले ही पुलिस ने इसे चोरी की घटना मानने से क्यों इंकार कर दिया? हमीदिया हाॅस्पिटल के स्टोर रूप में इतनी बड़ी गड़बड़ी चल रही थी, तो आखिर हमीदिया हाॅस्पिटल के अधीक्षक सहित तमाम आला अधिकारियों की नजर इस गड़बड़ी पर क्यों नहीं पड़ी? सवाल उठ रहा है कि हाॅस्पिटल के स्टोर में इतनी अव्यवस्था सामने आने के बाद भी मेडिकल एजुकेशन विभाग ने अपनी तरफ से अब तक इस मामले में कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया.

Remdesivir का सेंट्रल स्टोर

हाॅस्पिटल स्टाॅफ और रसूखदारों का 'गठजोड़'

सवाल उठ रहा है कि मामले में हाॅस्पिटल स्टाॅफ और रसूखदारों का गठजोड़ हुआ है. जिसके बाद मामला सामने आने के बाद कहीं पुलिस पूरे मामले को रफा-दफा करने में तो नहीं जुट गई. क्राइम ब्रांच के एएसपी के मुताबिक मामले में चोरी की रिपोर्ट लिखवाने वाले स्टोर के दोनों कर्मचारियों के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया जाएगा. पुलिस अब इस तथ्य पर भी जांच कर रही है कि यदि इंजेक्शन चोरी नहीं हुए, तो आखिर कर्मचारियों ने इसे चोरी की तरफ पेश क्यों किया. कहीं ऐसा तो नहीं कि छोटे कर्मचारियों पर पूरे मामले का ठींकरा फोड कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाए.

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