भोपाल।राजधानी भोपाल के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में बीती रात बिजली चले जाने से तीन मरीजों की मौत हो गई. तीनों मरीज कोरोना संक्रमित थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. इस मामले को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को तलब किया. सीएम शिवराज पहले ही इस मामले में जांच के निर्देश दे चुके हैं. शनिवार शाम भोपाल कमिश्नर कवीन्द्र कियावत सीएम को जांच रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि मरीजों की मौत का कारण बिजली गुल होना नहीं है.
बिजली गुल से नहीं हुई मरीजों की मौत
इस मामले में डीन डॉ अरुणा कुमार और अधीक्षक डॉक्टर आईडी चौरसिया को क्लीन चिट दे दी गई है. भोपाल कमिश्नर कवीन्द्र कियावत ने इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि दो स्तर पर मामले की जांच की गई. पहले स्तर पर एक मेडिकल टीम बनाई गई, जिसने जांच की कि आखिर मरीजों की मौत का कारण क्या रहा. मेडिकल टीम की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि तीनों ही मरीज कोविड 19 के गंभीर स्टेज पर थे. बिजली गुल होने का इन तीनों मरीजों की मौत से कोई संबंध नहीं है. बिजली जाने पर भी वह वेंटिलेटर पर थे और वेंटिलेटर काम कर रहा था.
वहीं दूसरी टीम ने इस बात की जांच की कि बिजली गुल होने पर जनरेटर ने क्यों काम नहीं किया. इस मामले में पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर को निलंबित किया गया है और मेंटेनेंस के लिए जिस एजेंसी को ठेका दिया गया है. उस पर कार्रवाई करने के लिए पीडब्लूडी. को लिखा जा रहा है.
अस्पतालों के प्रबंधन के लिए प्रबन्ध विशेषज्ञ की होगी नियुक्ति
सीएम शिवराज ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि अब अस्पतालों के प्रबंधन के लिए वहां पर प्रबंधन विशेषज्ञ को रखा जाना जरूरी है. डॉक्टर इलाज का काम देखेंगे. प्रदेश के बड़े अस्पतालों में प्रबंधन और इलाज के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां दी जाएंगी. पहले स्तर पर यह काम प्रदेश के बड़े अस्पतालों में किया जाएगा और उसके बाद जिला अस्पतालों में भी प्रबंधन के लिए अलग से विशेषज्ञ को नियुक्त किया जाएगा.
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स्वशासी व्यवस्था के बारे में विचार जरूरी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से शासकीय अस्पतालों की स्वशासी संस्था के बारे में चर्चा की. उस बारे में पुनर्विचार करने की बात कही है. सीएम शिवराज ने बैठक में मौजूद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और विभाग के अधिकारियों से कहा कि आप लोग देखें और इस बात को सामने लाए की स्वशासी व्यवस्था को बदलने की जरूरत है या नहीं.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीती देर शाम हमीदिया अस्पताल के कोविड-19 बिजली गुल हो जाने पर वहां के जनरेटर ने काम नहीं किया. इस दौरान 3 मरीजों की मौत हो गई. पहले यह बात सामने आई थी कि वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं मिलने से मरीजों की मौत हुई है. पर आज हुई जांच रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मरीजों की मौत का बिजली जाने से कोई संबंध नहीं है. इस मामले को तूल पकड़ते देख आज सुबह ही सीएम ने जांच के निर्देश दिए थे. वहीं मंत्री विश्वास सारंग ने भी यह कहा था कि इस तरह की लापरवाही दोबारा ना हो इसकी हम आगे व्यवस्था करेंगे.