भोपाल।यदि आप भी गोल्ड पहनने और रखने शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब गोल्ड पर हॉलमार्क (Gold Hallmarking) होना जरूरी है. इसके साथ ही अब कोई भी ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेक सकेगा. ऐसे में खरीदार को भी अब सोना हॉलमार्क देखकर ही खरीदना होगा.
15 जून से गोल्ड की हॉलमार्कंग अनिवार्य
बता दें कि उपभोक्ता मामले विभाग ने निर्णय लिया था कि सोने के गहनों व कलाकृतियों पर 15 जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जायेगी. ऐसे में जौहरियों को सिर्फ 14,1822 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की इजाजत होगी. गोल्ड हॉलमार्किंग शुद्धता की गांरटी देता है.
सोने की चोरी पर लगेगी रोक
केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सोने के गहनों को लेकर भरोसा, ग्राहकों के संतोष को बढ़ाने के लिये शुद्धता, गुणवत्ता को लेकर आभूषणों व कलाकृतियों की हॉलमार्किंग जरूरी है. इससे दुनिया भर में भारत को एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रूप में तब्दील करने में सहायता मिलेगी.
हॉलमार्क के लिये 35 रुपये लगेगा टैक्स
सोने पर हॉलमार्किंग होने से सोने की खरीद में ग्राहकों से धोखाधड़ी रुकेगी. चोरी के गहने न कोई बेच पायेगा न खरीद पायेगा. गहनों पर BIS, कैरेट-फाइनेंस, हॉलमार्किंग सेंटर का नंबर, ज्वेलर्स का आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा. ज्वेलरी, गोल्ड आइटम पर हॉलमार्क के लिये 35 रुपये टैक्स अतिरिक्त है, लेकिन ज्यादा गहनों की शुद्धता के लिए न्यूनतम 200 रुपये और टैक्स लगेगा. इससे सोने की कीमत अधिक नहीं बढ़ेगी. इसमें केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ज्वेलरी एसोसिएशन हॉलमार्किंग निकायों के प्रतिनिधि रहेंगे.
BIS चला रहा है हॉलमार्किंग की योजना
बता दें कि पूरे देश भर में एक जून से हॉलमार्किंग के नियम लागू होने थे, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तारीख बढ़ा दी गयी है. हॉलमार्किंग की प्रक्रिया देश भर में हॉलमार्किंग केंद्रों पर की जाएगी. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) इसकी निगरानी करेगा. वर्तमान में 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की जाती है. वर्ष 2000 से ही सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग की योजना BIS चला रहा है. अब 15 जून से देश में सिर्फ हॉलमार्क वाली ज्वेलरी बिकेगी.