भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही न हुआ हो, पर सियासी बिसात बिछ चुकी है. दोनों सियासी दल बीजेपी और कांग्रेस, चुनावी रण के लिए भरपूर तैयारियां कर रहे हैं. कमलनाथ सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला ग्वालियर-चंबल अंचल, उपचुनाव में भी राजनीति का अखाड़ा बनता दिख रहा है, क्योंकि दोनों दलों का फोकस ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों पर है. इसलिए अब सियासत की राजधानी भोपाल नहीं, बल्कि ग्वालियर बनेगी.
विधानसभा उपचुनाव में जीत का सपना लिए दोनों दलों के सियासी शूरमा अब उपचुनाव तक ग्वालियर में ही डेरा डालेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का मुख्यालय भी ग्वालियर ही होगा.
दिल्ली-भोपाल और अन्य स्थानों से प्रचार प्रसार के लिए आने वाले नेताओं के लिए भी ग्वालियर में ही पूरी व्यवस्था की गई है. यहीं से सभी दिग्गज नेता दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए रवाना होंगे. कोरोना संक्रमण की वजह से अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजनीतिक कार्यक्रमों को छूट नहीं दी है, इसलिए बीजेपी, फिलहाल वर्चुअल रैलियों के जरिए ही काम चला रही है. जैसे ही राजनीतिक कार्यक्रमों को लॉकडाउन से छूट मिल जाएगी. उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में धमाचौकड़ी शुरू हो जाएगी.
कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती