ग्वालियर में केन्द्रीय स्कूल के रास्ते को लेकर विवाद, सड़क पर उतरे बच्चे, प्रबंधन ने अब रखी ये मांग
Central School Gwalior News: ग्वालियर के सेन्ट्रल स्कूल क्रमांक 1 में छात्रों के आने जाने वाले रास्ते को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इसे लेकर बच्चों को सड़क पर उतरना पड़ा.
केन्द्रीय स्कूल के रास्ते को लेकर विवाद, छात्रों ने जताया विरोध
ग्वालियर। ग्वालियर में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 के छात्रों के आने-जाने के रास्ते को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इसी बात को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं सड़कों पर निकल आए और विरोध करने लगे. केंद्रीय विद्यालय की मांग है कि उन्हें स्कूल के लिए दूसरा रास्ता दिया जाए. वहीं जिस जमीन पर केंद्रीय विद्यालय ने दूसरे रास्ते के लिए गेट बनाया है वह जमीन कृषि विश्वविद्यालय की है और उस पर वह नर्सरी बनाना चाहती है.
क्या है मामला
बता दें कि केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक बस स्टैंड के पास है, जहां अब भारी वाहनों का आवागमन होता है जिसकी वजह से स्कूल प्रशासन का कहना है कि बच्चों के लिए यह रास्ता अब दुर्घटना संभावित हो गया है. कई बच्चे दुर्घटना में घायल भी हो चुके हैं, जिसको लेकर बच्चों के लिए अस्थाई तौर पर एक पीछे का रास्ता दिया गया था लेकिन अब इस रास्ते पर भी कृषि विश्वविद्यालय नर्सरी बनाने जा रहा है. कृषि विश्वविद्यालय का दावा है कि यह जमीन उनकी है ऐसे में किसी और को नहीं दी जा सकती.
सड़कों पर उतरे बच्चे
कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारी जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे तो इस बात की सूचना केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन को लगी और उसके बाद छात्र स्कूल से निकल कर सड़क पर आ गये और विरोध करने लगे. मौके पर केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन बढ़ने लगा तो उसके बाद कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. उसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों जगह के प्रबंधन से बात कर रही है.
इस मामले में कृषि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनिल सक्सेना का कहना है कि यह जमीन कृषि विश्वविद्यालय की है, इस पर केंद्रीय विद्यालय के द्वारा कब्जा किया जा रहा है. वहीं केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल का कहना है कि वह तो बच्चों के हित में रास्ता मांग रहे हैं जिससे कि बच्चे स्कूल सुरक्षित आ जा सकें. अब कृषि विश्वविद्यालय ने इस जमीन पर जेसीबी चलाना शुरु कर दिया है और वहां नर्सरी बनाने की बात कही जा रही है. जबकि शहर के कुछ भूमाफियाओं ने कृषि विश्वविद्यालय की बेशकीमती जमीन पर अपने व्यापार के लिए पहले से कब्जा किया हुआ है.