भोपाल।हिंदू धर्म (Hindu Religion) में किसी भी नये कार्य की शुरुआत करना हो या फिर शुभ खरीदारी करनी हो, उसके लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी (shopping muhurat in november) या किसी नए कार्य का शुभारंभ करने पर, उसमें सफलता अवश्य मिलती है. ज्योतिषशास्त्र (Astrology) के अनुसार, सभी 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बहुत ही शुभ और फलदाई माने जाते हैं, जिनमें से पुष्य नक्षत्र बहुत खास होता है. जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है, इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र योग (guru pushya nakshatra yoga) कहा जाता है. ऐसा शुभ संयोग साल में 2 से 5 बार ही बनता है.
साल 2021 का अंतिम गुरु-पुष्य नक्षत्र योग 25 नवंबर (guru pushya yoga 25 november) को है. इस दिन स्वर्ण आभूषण (gold shopping), भूमि, भवन, वाहन के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदारी के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र योग (guru pushya nakshatra) लगभग 12 घंटे तक रहेगा. इस गुरु-पुष्य नक्षत्र योग को सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग (sarvarth siddhi yoga, amrit siddhi yoga and ravi yoga) बहुत ही खास बना रहे हैं.
मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में खरीदी गई चीजें या किसी नये कार्य का शुभारंभ करने पर, उसमें सफलता अवश्य मिलती है. शनिवार को या शनि के नक्षत्र में जो भी काम किया जाता है, वह लंबे समय तक चलता है. मान्यता है कि इन शुभ मुहूर्तों में खरीदी गई वस्तु सुख दायक होती है. इस दिन नए कामों की शुरुआत करना सफलतादायक रहेगा.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भगवान विष्णु के आधिपत्य वाले दिन गुरुवार को पुष्य नक्षत्र योग (guru pushya nakshatra) होने से उसकी शुभता बढ़ जाती है. इस समय गुरु (jupiter) शनि (saturn) के स्वामित्व वाली कुम्भ राशि (Capricorn) में स्थित हैं और पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं. गुरु-शनि के इस आपसी संबंध के कारण ये गुरु पुष्य योग बहुत ही खास है.
गुरु पुष्य नक्षत्र (guru pushya nakshatra yoga) योग का समय और मुहूर्त