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अतिथि विद्वानों की सरकार से गुहार, जल्द मांग पूरी करने की मांग - अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा

अतिथि विद्वान शिवराज सरकार से नौकरी की मांग कर रहे हैं. अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस सरकार में चॉइस फीलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई थी. लेकिन सरकार बदलते ही अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का काम रूक गया.

Guest scholars sitting on strike
धरने पर बैठे अतिथि विद्वान

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Published : May 30, 2020, 9:56 PM IST

भोपाल। एक ओर मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आ रही है. तो वहीं दूसरी ओर अतिथि विद्वान शिवराज सरकार से जॉइनिंग की मांग कर रहे हैं. अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस सरकार में चॉइस फीलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई थी. लेकिन सरकार बदलते ही अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण का काम रूक गया.

सरकार से मांग करते अतिथि विद्वान

अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा के प्रभारी आशीष पांडे ने कहा कि यदि अतिथि विद्वानों को मांगों को नहीं माना गया तो अतिथि विद्वान लॉकडाउन खुलने के बाद एक बार फिर से धरने पर बैठने को विवश होंगे.

अतिथि विद्वानों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को याद दिलाते ही कहा कि जब कांग्रेस की सरकार में अतिथि विद्वान धरने पर बैठे थे तब भाजपा ने अतिथि विद्वानों का समर्थन दिया था. बीजेपी नेताओं ने अतिथि विद्वान की मांगों को सदन में भी उठाया था. लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद भी अतिथि विद्वानों की समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है.

अतिथि विद्वान आशीष पांडे का कहना है नई सरकार के गठन से अतिथि विद्वानों को पुनः नौकरी पर रखे जाने की उम्मीद बढ़ी थी. लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसमें भी देरी हो रही है. उसके कारण अतिथि विद्वानों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है.

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