भोपाल। राजधानी के नीलम पार्क में अतिथि विद्वानों ने धरना प्रदर्शन किया. इंदौर से प्रारम्भ हुई अतिथि विद्धानों की न्याय यात्रा अब भोपाल पहुंच गई है. हजारों की संख्या में अतिथि विद्धान अपनी लम्बित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल पर बैठे हैं. कांग्रेस ने वचन पत्र में अतिथि विद्धानों को नियमित करने की बात कही, लेकिन आठ महीने बाद भी इस बारे में कोई काम नहीं किया गया.
राजधानी में अतिथि विद्वानों ने किया धरना प्रदर्शन, मांगे पूरी न होने पर दी आत्मदाह की चेतावनी - अतिथि विद्वानों का धरना प्रदर्शन,
भोपाल में हजारों की संख्या में अतिथि विद्धान अपनी लम्बित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल पर बैठे हैं. अतिथि शिक्षकों ने 4 अक्टूबर को इंदौर से न्याय यात्रा प्रारंभ की, जो राजधानी के नीलम पार्क पर समाप्त हुई. वही शिक्षकों ने मांगे पूरी न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है.
![राजधानी में अतिथि विद्वानों ने किया धरना प्रदर्शन, मांगे पूरी न होने पर दी आत्मदाह की चेतावनी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4730679-thumbnail-3x2-img.jpg)
इस से नाराज अतिथि विद्धान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं, साथ ही चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की, तो वे नीलम पार्क में ही आत्मदाह करने पर मजबूर हो जाएंगे. प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान अपने नियमितीकरण की लंबे समय से मांग करते आए हैं
अतिथि विद्या नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने बताया कि 'नई सरकार गठन के 10 माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने अतिथि विद्वानों की कोई सुध नहीं ली है, बल्कि प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर व्यापमं दो के रूप में कुख्यात हो चुकी सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वालों को संदिग्ध दस्तावेजों की गहन जांच के बिना ही नियुक्ति देने को जल्दी में है'.