भोपाल। कोरोन के दूसरे फेज में संक्रमण शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी फैल रहा है. यही वजह है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की चेन तोड़ने के मुख्यमंत्री सभी कलेक्टरों को 30 अप्रैल तक कोरोना का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दे चुके हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में किल कोरोना 2 के तहत घर-घर जाकर सर्वे कराने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने शहर के बाहर 19 हजार 519 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जिसमें 2 लाख 30 हजार से जयादा बेड उपलब्ध हैं, यहां बाहर से आने वाले यात्रियों के अलावा गांवों में सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीजों को रखा जाएगा.
गांवों में की जाएगी संदिग्ध मरीजों की पहचान
प्रदेश में शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में कोरोना के संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. इसको देखते हुए सरकार ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना के संदिग्ध संक्रमित मरीजों की पहचान और माॅनिटरिंग की रणनीति बनाई है. इसके तहत पंचायत विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण किया जा रहा है. तय किया गया कि आंगनबाड़ी-आशा कार्यकर्ता के अलावा सचिव, रोजगार सहायक और शिक्षकों की टीम बनाई जाए. यह टीम ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर संक्रमित मरीजों की पहचान करेंगी. संदिग्ध मरीज मिलने पर उन्हें आइसोलेट कर मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाएगी. उधर जन अभियान परिषद और अन्य स्वयं सेवी संस्थानों की मदद से लोगों को जागरुक करने और ग्रामीण इलाकों में कोरोना कर्फ्यू को लागू कराया जाएगा.