जबलपुर। इन दिनों ब्लैक और व्हाइट फंगस को लेकर जनता परेशान हैं. ब्लैक फंगस से ग्रसित कई मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. अब व्हाइट फंगस के मामले भी सामने आने लगे हैं, लेकिन मानव शरीर में केवल दो ही प्रकार के फंगस का इंफेक्शन नहीं हो सकता बल्कि प्रकृति में लाखों किसम के फंगस पाए जाते हैं. इनमें से लगभग 14000 फंगस के बारे में लोगों को जानकारी है. वहीं 300 फंगस ऐसे हैं, जो मानव शरीर में रोग पैदा कर सकते हैं. फंगस पर अध्ययन करने वाले शोधार्थियों का कहना है कि व्हाइट, ब्लैक, ग्रीन, रेड, पिंक और ब्लू कलर के फंगस होते हैं. बड़ी समस्या यह है कि बहुत सारे फंगस पूरी तरह से अज्ञात हैं.
आखिर क्यों बढ़ रहा है फंगल इंफेक्शन ?
वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल मानव शरीर में जो फंगस नजर आ रहे हैं, उसकी एक बड़ी वजह कोरोना वायरस के दौरान इलाज की प्रणाली हैं. दरअसल, कोरोना से पीड़ित मरीजों के इलाज में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती हैं, ताकि वायरस सामान्य तरीके से अपना समय पूरा करके खत्म हो जाए, नहीं तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ने के दौरान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है. इसी की वजह से फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं. लोगों की जान चली जाती है. इसलिए शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करके लोगों को बचाया जा रहा हैं, लेकिन इससे अन्य नुकसान भी हो रहे हैं. कमजोर इम्यून सिस्टम में फंगस को शरीर में पनपने के लिए जगह मिल रही हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह फंगस कहीं बाहर से नहीं आता, बल्कि हमारे आसपास के वातावरण में पाया जाता है. सामान्य तौर पर फ्रिज और सीलन वाले स्थान पर यह फंगस होता हैं. इन्हीं में से किसी एक जरिए से वह शरीर में पहुंच जाता है, जहां वह नुकसान पहुंचाने लगता हैं.
हाइजीन से घट सकता है फंगल इंफेक्शन
फंगल इंफेक्शन को शरीर में फैलने से रोकने के लिए कुछ बेहद सस्ती दवाएं भी इलाज के दौरान दी जाती हैं. साफ-सफाई रखने पर फंगल इंफेक्शन नहीं होता हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इलाज के दौरान कुछ लापरवाही हो रही हैं, जिसकी वजह से फंगल इंफेक्शन बढ़ रहा हैं.
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क्या है ब्लैक फंगस
यह एक ऐसा फंगस इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है. कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है, जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती है.
कहां करता है अटैक
म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस, चेहरे, नाक, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है. इससे आंख सहित चेहरे का बड़ा हिस्सा नष्ट हो जाता है और जान जाने का भी खतरा रहता है. डॉक्टरों के मुताबिक अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो आंखों की रोशनी जाने के अलावा मरीज की मौत भी हो सकती है. यह इन्फेक्शन साइनस से होते हुए आंखों को अपनी चपेट में लेता है. इसके बाद शरीर में फैल जाता है. इसे रोकने के लिए डॉक्टर को सर्जरी करके इन्फेक्टेड आंख या जबड़े का ऊपरी एक हिस्सा तक निकालना पड़ता है.