भोपाल। ग्रीन सिटी के नाम से मशहूर राजधानी भोपाल से आगामी समय में यह तमगा छिनने वाला है. राजधानी में लगातार बढ़ता प्रदूषण इसकी वजह है. बीते कुछ सालों में शहर के कई स्थानों की हवा में प्रदूषण के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. शहर की हवा अलग-अलग कारणों से प्रभावित हुई है, जिसमें औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले धुएं के साथ-साथ वृक्षों की अंधाधुंध कटाई भी शामिल है.
राजधानी भोपाल में बीते एक दशक में 4 लाख से अधिक पेड़ काटे गए हैं, यही वजह है कि पूरा शहर ही मॉडरेड श्रेणी में पहुंच गया है. नतीजतन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट परिणाम के रूप में हमें देखने को मिल रही है. बात अगर मई 2018-19 के बीच की करें, तो बीते एक साल में राजधानी भोपाल की हवा 3 गुणा ज्यादा प्रदूषित हुई है.
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न शहरों की हवा की गुणवत्ता माप कर इसकी रिपोर्ट जारी की जाती है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार भोपाल शहर के विभिन्न इलाकों में वायु प्रदूषण लेवल की स्थिति कुछ ऐसी है.