भोपाल। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत ने एक बार फिर मंत्री पद की शपथ ली है. हालांकि चुनाव जीतने के बाद मंत्री पद के लिए उन्हें काफी लंबा इंतजार करना पड़ा. गोविंद सिंह राजपूत की राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई. वे सुरखी से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं. पिछला विधानसभा उपचुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ा.
छात्र राजनीति से शुरु हुआ था सफर
गोविंद सिंह राजपूत की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी. गोविंद सिंह राजपूत के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई. छात्र राजनीति के दौरान गोविंद सिंह राजपूत सक्रिय भूमिका निभाते थे. सागर में पूर्व मंत्री विट्ठल भाई पटेल के करीबी थे. गोविंद सिंह राजपूत और उनके साथी राजनैतिक रैलियों में शामिल हुआ करते थे यानी राजनीति की बारीकियां छात्र जीवन और पूर्व मंत्री बिट्ठल भाई पटेल के साथ रह कर ही सीखी है.
गोविंद सिंह राजपूत ने ली मंत्री पद की शपथ सिंधिया परिवार के सबसे खास हैं गोविंद सिंह
पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्व.माधवराव सिंधिया जब कांग्रेस पार्टी से नाराज हो गए थे. नाराज होकर स्व. माधव राव सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर नई पार्टी का गठन किया था. मध्य प्रदेश विकास पार्टी के नाम से स्व. माधव राव सिंधिया ने नई पार्टी का गठन किया था. उसी दौरान माधवराव सिंधिया सागर में रैली करने के लिए पहुंचे थे. उनकी रैली के दौरान ही गोविंद सिंह राजपूत ने माधवराव सिंधिया के लिए बहुत बड़ी रैली का आयोजन किया था, जिसमें काफी संख्या में युवाओं की ब्रिगेड को भी शामिल किया था. रैली से माधवराव सिंधिया, गोविंद सिंह राजपूत से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए थे. उसके बाद से ही गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया परिवार के खास लोगों में शामिल हो गए . यह सिलसिला आज भी जारी है और यही वजह है कि गोविंद सिंह राजपूत ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास और करीबी है.
सुरखी विधानसभा से चार चुनाव जीते
गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. इस सीट से वह चार बार चुनाव जीतकर विधानसभा की दहलीज पर पहुंच गए. 2003 में गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह को हराया था. वहीं 2008 में गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी के राजेंद्र सिंह मोकलपुर को हराया और 2018 में बीजेपी के सुधीर यादव को हराकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बीच 2013 के विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी की पारुल साहू से चुनाव हार गए थे. पिछला विधानसभा उपचुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ा था. जिसमें उन्होंने बड़े अंतर से चुनाव जीता था.
गोविंद सिंह की पत्नी रह चुकी हैं जिला पंचायत की अध्यक्ष
गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता सिंह राजपूत जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुकी हैं. गोविंद सिंह राजपूत के दो बेटे और एक बेटी है. जो अब पिता की विरासत को संभालने के लिए राजनीतिक क्षेत्र में सक्रियता दिखा रहे हैं. गोविंद सिंह राजपूत का व्यवसाय खेती किसानी है. अगर इनकी रूचि की बात की जाए तो खेल और साहित्य में इनकी अच्छी रुचि है.