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राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों से की बात, कहा- इन परिस्थितियों में नई संस्कृति को करें विकसित - भोपाल न्यूज

प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन लॉकडाउन के बीच लगातार प्रदेश के विश्वविद्यालयों के संपर्क में हैं, इसी के चलते उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बातचीत की और फीडबैक लिया.

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Published : May 17, 2020, 3:25 PM IST

भोपाल| प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के कारण लॉक डाउन लागू किया गया है. ऐसी स्थिति में समस्त विश्वविद्यालय भी पूर्ण रूप से बंद हो गए हैं. इन परिस्थितियों के बीच प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन लगातार विश्वविद्यालयों के संपर्क में हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार फीडबैक भी ले रहे हैं. इसके अलावा सभी विश्वविद्यालय के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई भी करवाई जा रही है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत

देर शाम राज्यपाल लालजी टंडन ने शासकीय विश्वविद्यालय के समस्त कुलपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा है कि कुलपति सामाजिक सोच में बदलाव के लिए आगे आएं. कोरोना की चुनौती से डरना नहीं लड़ना है. उन्होंने कहा कि घर पर रहते हुए विश्वविद्यालयों के छात्र और संकाय ने जो कार्य करके दिखाया है, उसने नया इतिहास बनाया है.

राज्यपाल ने कहा कि संकटकाल का एक दौर गुजर गया है. देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का नया अवसर सामने है. इसका लाभ लेने के लिए युवाओं का मार्गदर्शन करें. नये उत्साह के साथ आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि विध्वंस के साथ ही नव निर्माण जुड़ा होता है. यही प्रकृति का नियम है. जो दु:खद दिखता है, वही भविष्य के निर्माण की शुरुआत होती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने व्यापक पैमाने पर विशाल आर्थिक पैकेज दिया है. इसमें सभी के लिए आगे बढ़ने, आत्मनिर्भर बनने की सम्भावनाएं हैं. आवश्यकता अनुकूल अवसरों के चयन और इच्छाशक्ति और प्रवृत्ति के साथ प्रयासों की है.

इस अवसर पर गवर्नर ने कहा कि विश्वविद्यालय नई परिस्थितियों में कार्य की नई संस्कृति विकसित करे. सामाजिक दूरी, मास्क आदि के अनुशासन का पालन करते हुए, गतिविधियों का संचालन करें. विद्यार्थियों को आत्म निर्भरता के लिए प्रेरित करें. नये वक्त के अनुसार बदलने और बदलाव के संवाहक बनने के कार्य करें. साथ ही आर्थिक गतिविधियों को सुचारु बनाने के लिए प्रयास करें.

राज्यपाल ने ऑनलाइन चर्चा कर प्रत्येक विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यों की जानकारी ली. जानकारी में बताया गया कि सामान्यत: सभी पाठ्यक्रमों के कोर्स पूर्णता की ओर हैं, जिन विद्यार्थियों के सामने नेटवर्क की समस्या है अथवा जिनके कोर्स पूरे नहीं हो पाए हैं. उनके लिए विशेष कक्षाओं की व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने इन्टरएक्टिव कक्षाएं, अध्यययन सामग्री की ऑनलाइन उपलब्धता, ऑनलाइन सेमिनार, शोध कार्यों आदि की जानकारी दी. एपीएस विश्वविद्यालय रीवा के कुलपति ने बताया कि शोध एवं एमफिल के वायवा की ऑनलाइन व्यवस्था पर चिंतन हो रहा है. देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा कोरोना के मृतकों की संतानों की फीस माफ करने की बात कही.

जीवाजी विश्वविद्यालय ने टॉस्क फोर्स बनाकर कार्य करने और तीन नये स्टार्टअप शुरु करने की जानकारी दी. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने बताया कि ऑनलाइन सेमिनार में आर्मी चीफ भी शामिल हुए. महर्षि पणनि विश्वविद्यालय द्वारा महान विभूतियों के जीवन पर ग्रंथ निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसी तरह ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा ई-ऑफिस संचालन व्यवस्था की जानकारी दी.

आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षण की स्थाई व्यवस्था की जाएगी. कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा बताया गया कि 22 कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा प्रति सप्ताह 13 लाख किसानों को 32 लाख कृषि संबंधी जानकारियां प्रेषित की जाती हैं. कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा बताया गया कि दक्षिण भारतीय राज्यों की कुछ छात्राएं और 6 विदेशी छात्र लॉकडाउन में फंसे हैं. उनके आवास, भोजन की व्यवस्थाएं की गई है. सभी छात्र-छात्राओं से कुलपति मोबाईल द्वारा सम्पर्क में हैं.

परीक्षा प्रबंधन समिति की संयोजक कुलपति संगीता शुक्ला ने बताया कि स्नातक स्तर की कक्षाओं की 50 प्रतिशत परीक्षाएं हो चुकी हैं. शेष परीक्षाओं के लिए एक माह की अवधि का कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है. प्रायोगिक परीक्षाएं, आंतरिक परीक्षक से कराया जाना प्रस्तावित है. ऐसा करने से परीक्षा कार्यक्रम के करीब 30 दिवस की बचत होगी. उन्होंने कहा कि जिनकी कक्षाएं होना शेष हैं, उनके लिए पृथक परीक्षा तिथियां निर्धारित किया जाना प्रस्तावित है.

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