भोपाल। मध्यप्रदेश में गौण खनिज के अवैध खनन और परिवहन के मामलों में अब राजस्व विभाग कार्रवाई नहीं करेगा. अब सिर्फ खनिज विभाग ही दांडिक शुल्क वसूल (Mineral Department will take action against illegal mining transport) कर सकेगा. इसके लिए भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2021 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद (Governor approved Madhya Pradesh Land Revenue Code Amendment Bill 2021) पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है.
दिग्गी राजा का विवादास्पद बयान, कहा- हिंदू धर्म को दीमक की तरह खा रही आरएसएस, वीडी शर्मा ने किया पलटवार
राजस्व विभाग से अलग हुआ खनिज विभाग
भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2021 के लागू होने के पहले मध्यप्रदेश में भू-राजस्व संहिता में गौण खनिज के अवैध खनन और परिवहन पर राजस्व विभाग और खनिज विभाग दोनों कार्रवाई करते थे. दोहरी कार्रवाई में अक्सर विवाद की स्थिति बन जाती थी. अवैध परिवहन और खनन के मामलों में कई बार कार्रवाई को लेकर खनिज और राजस्व विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहते थे. कई बार अधिकारों को लेकर भी टकराहट होती थी, इसलिए भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के जरिए अब राजस्व विभाग से खनिज विभाग को अलग कर दिया गया है.
मूल अधिनियम में एक और उपधारा जोड़ दी गई
भू-राजस्व के मूल अधिनियम में एक और उपधारा जोड़ दी गई है, जिसके मुताबिक किसी खान या खदान से जिसका अधिकार सरकार में निहित है और बिना किसी अनुमति के वहां खनन किया जाता है या खनिज का परिवहन किया जाता है तो उस पर नियंत्रण और कार्रवाई अब खनिज विभाग ही करेगा. इस संशोधन विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है किसी बैंक या वित्तीय संस्था में भूमि को बंधक या दृष्टिबंधक रखा जाता है और बदले में जमीन के मालिक को कोई भुगतान किया जाता है तो उसे साफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया जाएगा. ऋण पुस्तिका को ऑनलाइन कर दिया गया है, इससे किसी भी जमीन की जानकारी अब ऑनलाइन दर्ज की जाएगी. इससे किसी भी जमीन के रिकॉर्ड को ऑनलाइन देखने पर उस जमीन को गिरवी रखकर लिया गया कर्ज या जमानत की जानकारी भी ऑनलाइन देखी जा सकेगी.
साइबर तहसील के गठन को भी मिली मंजूरी
इस संशोधन विधेयक के जरिए साइबर तहसील के गठन (formation of Cyber Tehsil also got approval in MP), उसके समापन या उसकी सीमाओं में बदलाव का प्रावधन भी किया गया है, प्रत्येक साइबर तहसील के लिए साइबर तहसीलदार भी नियुक्त किए जा सकेंगे. साइबर तहसीलदार को ऐसे मामलों में जांच के अधिकार भी मिल सकेंगे, इसके लिए एक राजस्व अधिकारी भी बनाया जाएगा.