भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर को छूट दी है कि वो अपने जिलों में जितने चाहे कोविड केयर सेंटर खोल सकते हैं. सीएम ने कहा कि कलेक्टर, राशि की चिंता न करें, उन्हें जरूरत होगी तो सरकार उन्हें फंड देगी. सीएम ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि इन सेंटर्स में स्टाफ की भर्ती में कोई कंजूसी नहीं होनी चाहिए, साथ ही कोशिश की जाए कि कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध होने चाहिए.
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एक साल में नहीं लग पाया ऑक्सीजन प्लांट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल ऑक्सीजन की कमी के चलते मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट खोलने की घोषणा की थी. सीएम ने होशंगाबाद जिले के बाबई, मोहसा में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की थी, क्योंकि पिछले साल भी प्रदेश में ऑक्सीजन की भारी कमी थी. लेकिन आज तक वह प्लांट नहीं खुल पाया है. अब एक बार फिर सरकार में 13 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं.
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13 जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
राज्य सरकार ने प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने का फैसला लिया है. प्रदेश में 13 जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांट खोले जाएंगे. इन ऑक्सीजन प्लांट को तैयार करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने एरोक्स लिमिटेड कंपनी को ऑर्डर कर दिए है. यह ऑक्सीजन प्लांट कटनी, बैतूल, बड़वानी, नरसिंहपुर, खरगोन, बालाघाट, राजगढ़, रायसेन, सतना, गुना, सीहोेर, विदिशा और सागर में खोले जाएंगे. इन सभी प्लांट से 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता होने लगेगी. स्वास्थ्य विभाग पहले से ऑक्सीजन प्लांट के लिए स्थान को मंजूरी दे चुका है. इन ऑक्सीजन प्लांट को फौरन चालू करने के लिए मुख्यमंत्री कोरोना फंड से भुगतान किया जाएगा.
संकटकाल में 'संजीवनी' है ऑक्सीजन
मैं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो संजीवनी ऑक्सीजन के टैंकर्स को अकारण रोक रहे हैं. कल मध्यप्रदेश राज्य के ऑक्सीजन टैंकर्स को अन्य राज्यों में कुछ अधिकारियों द्वारा रोका गया. इससे समय बर्बाद होता है और इस दौरान कुछ मरीजों की जान जाने का खतरा बना रहता है. संक्रमण की विषम परिस्थितियां बनी हुई हैं, संकटकाल है, ऑक्सीजन संजीवनी है. ऐसे में कुछ राज्यों के अधिकारी ऑक्सीजन के टैंकर्स रोक रहे हैं, जो अनुचित है और अपराध भी है.