भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से गड़बड़ाई स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बीजेपी नेता ही सवाल उठा रहे हैं. बीजेपी के सीनियर लीडर अनूप मिश्रा, रामेश्वर शर्मा के बाद अब बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पत्र में लिखा है कि वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ होने वाला नहीं है. मरीजों के लिए दवा, बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की व्यवस्था करें या फिर टोटल लाॅक डाउन लगाएं.
नारायण त्रिपाठी ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र व्यवस्थाएं करें या टोटल लाॅकडाउन करें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि मरीज को मैहर से सतना रेफर करने की कोई व्यवस्था नहीं है. सतना से रीवा रेफर होकर भी कोई सुविधा नहीं हो सकती है. रीवा से जबलपुर में कोई इलाज की व्यवस्था नहीं है. प्रदेश के अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है। ऑक्सीजन के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं. सिर्फ बयानों में सब व्यवस्था ठीक है, यह स्थिति लोगों के लिए मजाक बनती जा रही है. वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ होने वाला नहीं है. दवाई, बेड, ऑक्सीजन और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पीपीई किट आदि की व्यवस्था करें या फिर गरीबों के खाने-पीने का इंतजाम कर एक माह का पूर्ण लाॅकडाउन लगाया जाए.
बीजेपी के कई नेता उठा चुके सवाल
नारायण त्रिपाठी के पहले पूर्व प्रोटेम स्पीकर और बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा विधानसभा क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध न कराए जाने को लेकर धरने तक पर बैठने की धमकी दे चुके हैं. वहीं पिछले दिनों भोजपुर विधायक सुरेन्द्र पटवा ने भी स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. प्रभुराम चौधरी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल खड़े किए थे. इसके पहले पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने वर्तमान हालातों पर सीएम को ट्वीट किया था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए पूरे प्रदेश में मारामारी है. लोग इसके लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन यह इंजेक्शन अस्पताल में मौत से लड़ रहे लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है, जबकि कालाबाजारी के साथ कुछ नेताओं के पास मौजूद है.
कांंग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना
उधर कोरोना के मौजूदा हालातों को लेकर कांग्रेस हमलावर है. पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कराना चाहिए. सरकार को अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए. मुख्यमंत्री के देखते-देखते कोरोना से लड़ने की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई. कांग्रेस प्रवक्ता शहरयार खान ने आरोप लगाया है कि बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर अब बीजेपी नेता भी मुखर होने लगे हैं. समय रहते व्यवस्थाएं ठीक की जाती तो यह हालात नहीं होते.