भोपाल।पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन है. इन परिस्थितियों में हर वर्ग के लोग हर तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. इन परिस्थितियों के बीच प्रदेश में निजी अस्पतालों द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रसूति के लिये भर्ती ना किए जाने की खबरें चौंकाने वाले हैं, जिसके कारण सरकारी अस्पतालों पर क्षमता से अधिक मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जिससे उन्हें न तो इलाज मिल रहा है, न ही पर्याप्त व्यवस्था मिल रही है.
गर्भवती महिलाओं पर भी ध्यान दे सरकार, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष ने कही ये बात - एमपी में गर्भवती महिलाओं पर भी ध्यान दे सरकार
प्रदेश में निजी चिकित्सालयों द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रसूति के लिये भर्ती न किये जाने की खबरें चौंकाने वाली हैं. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि निजी अस्पतालों को नियमित मरीज भर्ती करने के लिए नीति बनाएं और हर शहर में मेडिकल कंट्रोल रूम बनाया जाना चहिए.
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि निजी चिकित्सालय केवल अपने रुटीन या पहले से बुक्ड मरीजों को ही डिलीवरी के लिये भर्ती कर रहे हैं, इसलिये मजबूरन गर्भवती महिलाएं सरकारी अस्पतालों की तरफ भाग रहीं हैं.
भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार को आगाह किया है कि शाजापुर जिले में तो एक पलंग पर दो-दो प्रसूताओं के लेटने की खबरें मिली हैं, जबकि इंदौर के एक अस्पताल में पार्किंग क्षेत्र में ही डिलीवरी हो गई. भूपेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वो निजी अस्पतालों को नियमित मरीज भर्ती करने की नीति बनाएं और हर शहर में मेडिकल कंट्रोल रूम बनाया जाना चाहिये. जहां से मरीज को निकटतम अस्पताल और उसमें भर्ती संबंधी मार्गदर्शन मिल सके.