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ट्रेन में 'रिजर्व' लुटेरे! निशाने पर महिलाएं, शातिराना अंदाज ऐसा कि सब रह गए हैरान

ट्रेन से यात्रियों के सामान पर हाथ साफ करने वाले गिरोह का पर्दाफाश. जीआरपी ने इनसे करीब 25 लाख रुपए का माल बरामद किया है. ये ट्रेन में सीट रिजर्व कर बैठते थे और फिर बड़ी ही चालाकी से अपनी सोच को अंजाम देते थे.

robbers caught
गिरफ्त में लुटेरे

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Published : Jun 30, 2021, 10:56 AM IST

होशंगाबाद। पिछले दिनों पकड़े गए दो आरोपियों से सघन पूछताछ के बाद जीआरपी ने 25 लाख रुपए की नकदी और जेवरात बरामद किया है. इन आरोपियों को आरपीएफ स्टाफ की मदद से बीते दिन इटारसी स्टेशन पर पकड़ा गया था. अब तक इनसे पूछताछ के आधार पर पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है. यह सभी आरोपी यूपी और उड़ीसा के बताये जा रहे हैं.

पहले आरपीएफ ने इस गैंग के दो संदिग्धों को 11 जून को पकड़ा था. पूछताछ में पुलिस ने 11 अपराधों में करीब 15 लाख रुपये का माल जब्त किया था. रिमांड पर लेकर गैंग के सरगना पंकज सोनी से करीब 10 लाख का सोना भी बरामद किया गया था. इस मामले में एक सप्ताह पहले ही 15 लाख के सामान समेत एक व्यापारी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. तफ्तीश में साफ हुआ है कि चोर चोरी किए गए जेवरातों को गोल्ड लोन कम्पनियों में गिरवी रख कर लोन ले लेते थे, या दूसरे राज्यों में बेच देते थे.

लुटेरे सुनारों की कहानी

ट्रेनों में यात्रियों का सामान उड़ाने वाले शातिर चोर गिरफ्तार

लाखों का सामान बरामद
जीआरपी के थाना प्रभारी बीएस चौहान ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, गौरंगा राउल उर्फ रामदास ( भद्रक उड़ीसा), अर्जुन सिंह जाटव उर्फ अज्जू (आगरा), श्रीधर शाहू (भद्रक) और एक व्यापारी अजीत उर्फ रंजीत सोनी (उप्र) के रूप में की गई है. इनसे सोने के सिक्के, अंगूठी, नेकलेस समेत अन्य सामान, जिसकी कीमत लगभग 15 लाख रुपए है, बरामद किया गया है. इस मामले में फरार चल रहे एक अन्य आरोपी पंकज सोनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे भी 10 लाख सोनै के सामान और अन्य सामग्री जब्त की गई है.

मोडस ऑपरेंडी (Modus Operandi) से सब स्तब्ध!
इन शातिर चोरों की मोडस ऑपरेंडी ने सबको हैरान कर दिया है. ये बड़े शातिराना अंदाज में पहले तो अपनी सीट रिजर्व कराते थे फिर महिलाओं को टारगेट करते थे. टीआई बीएस चौहान ने बताया कि ये आरोपी बाकायदा ट्रेन में आरक्षण कराकर महिला यात्रियों से बात करते थे. उनके सोने के बाद पर्स चुराते थे. बाथरूम में जाकर पर्स की तलाशी लेते थे. नगदी और जेवर निकाल कर पकड़े जाने के डर से मोबाइल और अन्य सामान सहित पर्स बाथरूम मे ही छोड़ देते या फेंक देते थे. चोरी किए गए जेवरातों को गोल्ड लोन कम्पनियों में गिरवी रख कर लोन ले लेते थे, या दूसरे राज्यों में बेच देते थे.

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