भोपाल। प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने और एक अच्छा माहौल पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशासनिक कार्य प्रणाली में बदलाव लाने की कवायद शुरू कर दी है. निवेश संवर्धन की कैबिनेट कमेटी ने जिन 5713 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव पर निर्णय लिया था, सोमवार देर शाम प्रमुख सचिव उद्योग राजेश राजौरा ने इनके आदेश भी निकाल दिए हैं. सरकार ने सात कंपनियों के निवेश पर उन्हें कुछ सुविधाएं भी दी हैं.
सात उद्योगों ने प्रदेश में निवेश करने की मंशा जाहिर करते हुए आवेदन दिए थे. इनमें कुछ कंपनियां अपनी मौजूदा इकाई का विस्तार कर रही हैं, तो कुछ इस फील्ड में नई हैं. इन पर विचार करने के लिए उद्योग विभाग ने औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर प्रस्ताव निवेश संवर्धन की कैबिनेट कमेटी की बैठक रखी थी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सातों कंपनियों के आवेदन को मान्य करते हुए सुविधाएं देने का निर्णय लिया गया. इसमें भवन प्लांट और मशीनरी में निवेश पर आर्थिक सहायता, विद्युत शुल्क और बिल में छूट, स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति जैसी सुविधाएं सरकार के द्वारा दी गई हैं. सरकार की ओर से इसमें केवल यही शर्त रखी गई है कि कंपनी को 3 साल में उद्योग की स्थापना के कदम उठाते हुए, 4 साल में वाणिज्यिक उत्पादन शुरु करना होगा.