भोपाल। मध्यप्रदेश के किसी विभाग या सरकारी दफ्तर में अगर आप गुरुवार 29 जुलाई को कोई काम करने का विचार कर रहे हैं, तो बदल दे, क्योंकि सरकार के खिलाफ मध्यप्रदेश का अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा सामूहिक हड़ताल पर जा रहा है. इसमें प्रदेश के 31 कर्मचारी संघटन मौजूद हैं, जिसमें सफाई कर्मचारी से लेकर तहसीलदार तक शामिल हैं. सभी सरकार के महंगाई भत्ता सहित कुल तीन मांगों के लिये सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
सोमवार को देंगे आवेदन
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के सभी कर्मचारी सामूहिक अवकाश का आवेदन सोमवार को सभी कार्यालय प्रमुख को देने जा रहे हैं. ये प्रदर्शन का तृतीय चरण है. यह हड़ताल सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए की जा रही है. शनिवार को सभी दल सहकारिता मंत्री अरविंदर भदौरिया से मिलने पहुंचे थे. वहीं वित्त मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.
नगर निगम से लेकर तहसील के कामकाज तक पड़ेगा असर
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 31 संगठनों को मिलाकर बनाया गया है. इसमें छोटे-छोटे संगठन जुड़े हैं, जिसमें नगरपालिका, पटवारी, वन, तहसीलदार, शिक्षा विभाग, पंचायत, पेशनर से जुड़े संघटन हैं, जो अलग अलग क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं.
29 जुलाई को होगा सामूहिक अवकाश
यदि 29 जुलाई तक इनकी मांगों पर सरकार विचार नहीं करती है, तो मध्यप्रदेश के आधे से अधिक विभागों का काम प्रभावित हो सकता है. प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि 29 जुलाई को प्रदेश में सामूहिक अवकाश होगा. इसके लिये तैयारी पूरी कर ली गई है. वहीं सोमवार को मीटिंग कर आक्समिक चिकित्सा विभाग के शामिल होने पर विचार किया जाएगा. सूत्र के अनुसार इस हड़ताल को रद्द करने के लिये मंत्रालय मे मीटिंग की जाएगी. इस बार संघटन हड़ताल पर जाने की तैयारी में है.
तीन मांगे के लिये कर रहे प्रदर्शन
- 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि का लाभ तत्काल दिया जाना चाहिए.
- 5 % महंगाई भत्ता जो राज्य सरकार द्वारा स्थगित कर दिया गया था, उसका भुगतान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को दिया जाए.
- कर्मचारियों अधिकारियों को पदोन्नति देने के लिये.
इन संघटन का संघ है संयुक्त मोर्चा
राजपत्रित अधिकारी संघ, मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ, मप्र कर्मचारी कांग्रेस, मप्र राज्य कर्मचारी संघ, मप्र अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारीसंघ (अपाक्स), मप्र अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ (अजाक्स), मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, मप्र लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ , मध्य प्रदेश वन कर्मचारी संघ, मप्र राजस्व निरीक्षक संघ, मध्य प्रदेश पटवारी संघ, मध्य प्रदेश वाहन चालक यात्री संघ, मप्र शिक्षक कांग्रेस, प्राध्यापक संघ मध्य प्रदेश, एमपी डिप्लोमा इंजीनियर संघ, मप्र सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ ,तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, निगम मंडल कर्मचारी महासंघ, मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन, मप्र तहसीलदार संघ, मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ एवं अन्य.
प्रदर्शन पर शासन ने दिखायी सख्ती
वहीं महंगाई भत्ता वेतन वृद्धि और पदोन्नति की मांग को लेकर कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे चरणबद्ध आंदोलन को लेकर राज्य शासन ने सख्ती दिखाई है. सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों के आंदोलन को अवैध करार देते हुए कलेक्टरों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि आंदोलन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत तय प्रावधानों के आधार पर कार्रवाई की जाए.
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सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं और कहा है कि कर्मचारी संगठन द्वारा अचानक चरणबद्ध आंदोलन करना मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1965 के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आता है. सभी कलेक्टरों को इस मामले में गृह विभाग द्वारा 14 जुलाई 2021 के द्वारा कोरोना वायरस के संबंध में जारी दिशा-निर्देश और जीएसटी के 22 नवंबर 2006 द्वारा जारी स्थाई निर्देशों के आधार पर कार्रवाई करने के लिए कहा है.