भोपाल। चुनावी साल में व्यापम का मुद्दा एक बार फिर गर्मा रहा है. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने इस मामले में डीजीपी को चिट्ठी लिखी है. इसी के साथ कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि वह इस मामले को चुनावों में भी बनाए रखना चाहती है. चुनावी साल में व्यापम मामले में दर्ज हुई एफआईआर के बाद ये मुद्दा फिर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में आ गया है. पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को लिखी गोविंद सिंह ने चिट्ठी में कहा गया है कि इस गंभीर प्रकरण में अपराध दर्ज करने में आठ वर्ष का समय लग गया. अब इस मामले में ऐसी कार्रवाई की जाए ताकि एसटीएफ पर जनता का विश्वास बना रहे.
साल चुनावी है! फिर बाहर आया व्यापम का भूत, दिग्विजय की शिकायत पर FIR, BJP के बड़े नेताओं की भूमिका पर उठाए सवाल
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की शिकायत पर 8 साल बाद दर्ज हुई एफआईआर में आरोप हैं कि अधिकांश परीक्षा में आर्थिक लाभ लेने के मकसद से व्यापम के अधिकारियों से मिलीभगत के चलते इस घोटाले को अंजाम दिया गया. इस पूरे मामले में राज्य सरकार के मंत्रियों समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की भी भूमिका रही है.
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एफआईआर बनी सियासी मुद्दा:चुनावी साल में व्यापम घोटाले से जुड़ी एफआईआर पर सियासत गर्म हो गई है. ये एफआईआर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की 2014 में की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. 6 दिसंबर 2022 को दर्ज हुई है. मामला इसलिए गर्म है कि जिस मामले में एफआईआर हुई है उस शिकायत में अधिकारियों, सरकार के मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के सहयोग से फर्जी तरीके से एडमिशन लेने के आरोप लगाए गए हैं. शिकायत में कहा गया था कि अधिकांश परीक्षा में आर्थिक लाभ लेने के मकसद से व्यापम के अधिकारियों से मिलीभगत के चलते इस घोटाले को अंजाम दिया गया. जिसमें राज्य सरकार के मंत्रियों समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की भी भूमिका रही है.