भोपाल। हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले शुक्रवार को देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं. इस दिन खासतौर पर माता लक्ष्मी और मां संतोषी की पूजा अर्चना की जाती है. आज हम आपको कुछ ऐसे मंत्र बताते हैं जिससे मातृ शक्ति के विभिन्न अवतारों की कृपा मिलती है.
देवी माहात्म्य (Devi Mahatmyam) के अतिरिक्त भी कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनके उच्चारण मात्र से देवी कला प्राप्त होती है. चंडी पाठ (Chandi Path) या दुर्गा सप्तशती के नाम से भी जाना जाता है देवी माहात्म्य. मार्कण्डेय पुराण में इसका वर्णन है. जिसमें 700 श्लोक हैं और ये 13 अध्यायों में विभाजित है.
इनके अलावा भी मां दुर्गा, सरस्वती और मां लक्ष्मी को समर्पित कुछ मंत्र हैं.
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सभी प्रकार के भयनाश के लिए (To Eliminate Fear, Chant The Following Mantra )
'सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते:। भयेभ्यस्त्राहि नो देवि, दुर्गे देवि नमोस्तुते
कैसे पढ़े इस मंत्र को (How To Pronounce Mantra)
Sarvaswarupe Sarveshe Sarvashakti Samanvite
Bhaye Bhyastraahi No Devi Durge Devi Namostute
अर्थ : देवी आप अनेक स्वरूप को धारण करती हैं, शरणागत की पीड़ा हरने वाली देवी हम पर प्रसन्न हों. संपूर्ण जगत माता प्रसन्न हों. विश्वेश्वरी! विश्व की रक्षा करो. देवी! तुम्ही चराचर जगत की अधिश्वरी हो.
सुख समृद्धि का लक्ष्मी मंत्र (Lakshmi Mantra for wealth and prosperity)
सर्व बाधाविनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः
मनुष्यो मतप्रसादेन भविष्यति न संशय:
अर्थ : माता कहती हैं कि मनुष्य मेरे प्रसाद से सभी बाधाओं से मुक्त होगा तथा धन, धान्य एवं संतान से सम्पन्न होगा इसमें तनिक भी संदेह नहीं है.