मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ऑपरेशन लोटस के चार दिन: न बीजेपी को चैन न कमलनाथ को नींद - congress mla

मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामा हर पल नया मोड़ ले रहा है. बीजेपी के ऑपरेशन लोटस पर बयानबाजी का दौर अभी थमा नहीं हैं. बीते चार दिनों से बीजेपी-कांग्रेस के बीच घमासान जारी है, आइए नजर डालते हैं पूरे घटनाक्रम पर, पहले दिन से लेकर अब तक क्या हुआ...

four day mp political crisis
ऑपरेशन लोटस

By

Published : Mar 7, 2020, 10:15 AM IST

Updated : Mar 7, 2020, 12:09 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामा पिछले चार दिन पल-पल बदलता रहा. विधायकों की नाराजगी खत्म करने और बीजेपी का ऑपरेशन लोटस फ्लॉप करने के लिए शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री निवास में बड़ी बैठक हुई. बैठक में कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह ने मंत्रियों और विधायकों से वन टू वन चर्चा की. चार दिनों से लापता कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, रघुराज कंसाना और हरदीप सिंह डंग के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के आज भोपाल पहुंचने की संभावना है. इन चार दिनों में एमपी कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योरादित्य सिंधिया भी सवालों के घेरे में नजर आए, क्योंकि उनके समर्थक विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला.

ऑपरेशन लोटस के चार दिन

एमपी में पॉलिटिकल क्राइसिस के 4 दिन

3 मार्च: सुबह दिग्विजय सिंह के ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया. शाम होते ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे. कांग्रेस ने देर रात दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया. खबर फैलते ही मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह दिल्ली रवाना हो गए.

4 मार्च: इस दिन दोपहर को सपा के राजेश शुक्ला बसपा के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बसपा से निष्कासित राम बाई भोपाल पहुंचीं. कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही थी. दिग्विजय ने फिर आरोप लगाया कि भाजपा ने 4 विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया गया.

5 मार्च: सियासी उथलपुथल के बीच 5 मार्च को कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा अध्यक्ष और सीएम कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेज दिया. तो वहीं कांग्रेस के एक अन्य लापता विधायक बिसाहूलाल सिंह के बेटे ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भोपाल के टीटी नगर थाने में दर्ज कराई. ये खबर फैलते ही एक बार फिर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए. इसी बीच पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक संजय पाठक, नारायण त्रिपाठी और बीजेपी विधायक शरद कोल के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों ने जोर पकड़ा. हालांकि संजय पाठक ने सीएम से मिलने और बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों पर विराम लगा दिया और खुद की जान को खतरा भी बताया.

6 मार्च: छह मार्च को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक ली और सभी विधायकों को भोपाल तलब किया गया. इधर हटा से बीजेपी विधायक पीएल तंतुवाय के गायब होने की खबरें आईं. हालांकि दोपहर में वे सामने आए और कहा- मेरा फोन बंद था, गायब नहीं हुआ. चार दिनों तक चले इस सियासी ड्रामे के बाद दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर बीजेपी नेताओं की चर्चा हुई. बैठक में शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, प्रह्लाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान और गोपाल भार्गव मौजूद रहे.

बीते चार दिनों में प्रदेश की सियासत में जिस तरह से हलचल मची है और हर पल नया घटनाक्रम सामने आ रहा है. ऐसे में कमलनाथ सरकार रहेगी या नहीं इस तरह की अटकलों पर अभी पूरी तरह से विराम नहीं लगा है. बीजेपी-कांग्रेस में इसको लेकर बयानबाजी लगातार जारी है और पल पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं.

Last Updated : Mar 7, 2020, 12:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details