भोपाल। नरसिंहपुर जिले में दुष्कर्म पीड़िता की आत्महत्या के मामले में विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने आज एक प्रेसवार्ता आयोजित की. जहां उन्होंने जमकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. पूर्व स्पीकर ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेटियों के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. जब पुलिस महकमे में ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाता है, तब अधिकारी कर्तव्य पालन करना भूल, नेताओं की परिक्रमा शुरू कर देते हैं.
पूर्व स्पीकर ने कहा कि ऐसे मामले बढ़ने का कारण यह है, कि नेता अपने पसंद के अधिकारियों को नियुक्त करा रहे हैं. वह अधिकारी नेताओं के चक्कर काटते रहते हैं और पीड़ित परिवार भटकते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी लोग मौन हैं, इसलिए ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं. बड़ा सवाल यह है कि क्या रात में गश्त बंद हो गई है. डायल हंड्रेड क्या कर रही है. पिछले 15 दिनों में मध्यप्रदेश ऐसे मामले बढ़ें हैं.
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प्रशासन नहीं कर रहा अपना काम
एनपी प्रजापति ने कहा कि गांधी जयंती जैसे अहिंसा के दिन नरसिंहपुर में एक दलित बेटी को सिर्फ इसलिए आत्महत्या करना पड़ा, क्योंकि वह दरिंदगी का शिकार थी और पुलिस उसकी रिपोर्ट नहीं लिख रही थी. आश्चर्य की बात है कि जब मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे. तब एक दलित बेटी अपनी जीवन लीला समाप्त कर रही थी. उन्होंने कहा कि यह अहिंसा के पुजारी को मध्यप्रदेश सरकार की श्रद्धांजलि है. प्रदेश सरकार में रोज मुख्यमंत्री अपने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हैं. पुलिस प्रशासन तमाशा करने में लगा हुआ है, लोगों की रिपोर्ट तक नहीं लिखी जा रही है.
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सीएम शिवराज पर उठाए सवाल
पुलिस में मुख्यमंत्री का खौफ नहीं है और अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं बचा है. अराजक प्रशासन और एक अराजक व्यवस्था पूरे प्रदेश में छाई हुई है. प्रदेश में आज अनवरत तबादला उद्योग चल रहा है. उसमें मृत लोगों के भी तबादले किए जा रहे हैं. जिन लोगों के 1 साल पहले 2 साल पहले तबादले हो चुके हैं,उनके तबादले हो रहे हैं. सुबह मुख्यमंत्री जिन्हें दंड देते हैं,दूसरे दिन वही अच्छी जगह पदस्थ हो जाता है. आखिर मुख्यमंत्री की कोई क्यों नहीं सुन रहा है ? क्या मुख्यमंत्री के ऊपर भी कोई है, जो उनके फैसले उनकी चेतावनी और उनके दंड को प्रभावित करता है ? बता दें, इस दौरान पूर्व स्पीकर ने खरगोन और नरसिंहपुर सहित कई जगहों पर हुईं रेप की घटनाओं का जिक्र किया.