भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए 3 हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले के आरोपी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पूर्व निजी सचिव वीरेंद्र पांडे ने ईओडब्ल्यू से दोबारा इस मामले की जांच करने की मांग की है. वीरेंद्र पांडे ने ईओडब्ल्यू को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि घोटाले में उसकी कोई भूमिका नहीं है और वह निर्दोष है. इसलिए उसकी भूमिका को लेकर ईओडब्ल्यू को दोबारा जांच करनी चाहिए.
- राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पूर्व निजी सचिव वीरेंद्र पांडे ने ईओडब्ल्यू को जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने इस मामले की फिर से जांच करने का आग्रह ईओडब्ल्यू के अधिकारियों से किया है. साथ ही उन्होंने लिखा है कि ई टेंडर घोटाले में उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है. जबकि इस घोटाले से उनका कोई लेना देना नहीं है. पांडे ने अपने आवेदन में कहा है कि इस घोटाले में उन्हें सिर्फ उनके फोन कॉल और कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोपी बनाया गया है, जबकि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र था. इसलिए इस मामले में उनकी भूमिका की दोबारा जांच की जानी चाहिए.
- पहले भी कोर्ट को दे चुके हैं आवेदन
ई-टेंडर घोटाले में वीरेंद्र पांडे का नाम सामने आने के बाद ईओडब्लू की टीम ने जुलाई 2019 को पांडे को गिरफ्तार किया था. इसके बाद वीरेंद्र पांडे से पूछताछ की गई और उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. कोर्ट में पेशी के दौरान वीरेंद्र पांडे ने कोर्ट को भी इसी तरह का एक आवेदन दिया था, जिसमें कहा गया था कि इस घोटाले से उनका कोई वास्ता नहीं है और उन्हें केवल राजनीतिक साजिश के तहत फसाया जा रहा है. वीरेंद्र पांडे के साथ इस मामले में निलेश अवस्थी को भी गिरफ्तार किया गया था. हालांकि वीरेंद्र पांडे और नीलेश अवस्थी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है.
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तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ई-टेंडर को लेकर ईओडब्ल्यू को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने 9 टेंडरों में गड़बड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. इसके साथ ही कुछ मामलों में छानबीन के बाद प्राथमिक जांच भी दर्ज की गई थी. इन्हीं में से एक मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पूर्व निजी सचिव वीरेंद्र पांडे और निलेश अवस्थी को भी आरोपी बनाया गया था. ईओडब्ल्यू की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ भी की थी और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था. लिहाजा अब वीरेंद्र पांडे ने ईओडब्ल्यू को पत्र लिखकर इस मामले में उनकी भूमिका की दोबारा जांच करने की मांग की है.