भोपाल।मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. राज्य में सियासी जंग भी तेज हो गई है. उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल की कमान बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया संभाल रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस सिंधिया के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि पिछले महीने 3 दिन के दौरे पर शिवराज सिंह के साथ सिंधिया को भी विरोध का सामना करना पड़ा था. अपने ही गढ़ में सिंधिया घराने का कभी इस तरह विरोध देखने को नहीं मिला था. उसके बाद सिंधिया तीन दिन के गुप्त ग्वालियर दौरे पर थे, लेकिन वहां उन्होंने मेल मुलाकात के अलावा कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं किया. अब सिंधिया एक बार फिर उपचुनाव वाले क्षेत्रों का दौरा करने वाले हैं. 9 सितंबर से शुरू हो रहे इस दौरे में बीच में सिर्फ 3 दिन का विराम रखा गया है. उसके बाद फिर 4 दिनों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे. सिंधिया के दौरे पर पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर में जनता का आक्रोश देखकर सिंधिया भयभीत हैं.
पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव पूर्व मंत्री ने साधा निशाना
लाखन सिंह का कहना है कि सिंधिया मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के 5 महीने बाद ग्वालियर पहली बार पहुंचे थे. ग्वालियर उनका गृह क्षेत्र है, ग्वालियर उनकी रियासत रही है. उस रियासत में वे दल-बदल के बाद पहली बार आए. तब वहां की जनता ने उनके खिलाफ जो आक्रोश दिखाया, काले झंडे दिखाए और उनको गद्दारों की उपाधि दी. उससे लगता है कि सिंधिया काफी भयभीत हैं. अभी 4 दिन पहले ग्वालियर में जब दूसरी बार आए तो छिपते-छिपाते आए. किसी को हवा भी नहीं लगने दी और महल में प्रवेश कर गए, जबकि जब कांग्रेस में हुआ करते थे तो सिंधिया जब आते थे तो पूरे ग्वालियर के लोग स्टेशन पर उनके स्वागत के लिए पहुंचते थे. अभी 4 दिन पहले जब आए तो छिपकर चोरों की तरह शहर में पहुंचे और 3 दिन रहे, ऐसे छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को बुलाना चाह रहे थे. जब कांग्रेस में थे और कार्यकर्ता उनके पैर छूते थे तो उन्हें रौंदते हुए निकल जाते थे. अब ग्वालियर-चंबल के लोगों को फोन लगाकर बुला रहे हैं. अब मतदाता अपने स्वाभिमान को पसंद करता है. गद्दार और बेवफाई को पसंद नहीं करता है.
सिंधिया का दौरा
आज से शुरू हो रहे दौरे में सिंधिया सभी 27 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे. 9 सितंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल से रवाना होकर सांवेर, आगर और हाटपिपलिया का दौरा करेंगे. उसी दिन ग्वालियर पहुंच जाएंगे और 10 सितंबर को दिमनी, अंबाह और मेहगांव का दौरा करेंगे. 11 सितंबर को डबरा, भांडेर और पोहरी का दौरा करेंगे और भोपाल में रात्रि विश्राम करेंगे. 12 सितंबर को भोपाल से जौरा, सुमावली, मुरैना और ग्वालियर का दौरा करेंगे. रात्रि विश्राम ग्वालियर में करेंगे और 13 सितंबर को करेरा, गोहद और ग्वालियर का दौरा करेंगे और दिल्ली रवाना हो जाएंगे. 16 सितंबर तक दिल्ली में रहने के बाद 17 सितंबर को भोपाल पहुंचेंगे और भोपाल से सुरखी, बमोरी और सांची का दौरा करेंगे. 18 सितंबर को पिछोर और मेहगांव का दौरा करेंगे. 19 सितंबर को सुवासरा और बदनावर का दौरा करेंगे. 20 सितंबर को मुंगावली, अशोकनगर और बड़ामलहरा का दौरा करने के बाद दिल्ली रवाना हो जाएंगे.