भोपाल। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन में संविदा नियुक्ति को लेकर उपचुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने ग्रामीण आजीविका मिशन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में संविदा पर नियुक्त किए गए पूर्व IFSअधिकारी एमएल बेलवाल की नियुक्ति निरस्त करने की मांग की है. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कमलेश्वर पटेल का आरोप है कि, ये नियुक्ति उपचुनाव में स्व-सहायता समूहों को प्रभावित करने के लिए की गई है.
आजीविका मिशन में संविदा नियुक्ति का मामला, कांग्रेस ने लगाया उपचुनाव प्रभावित करने का आरोप
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कमलेश्वर पटेल ने मध्यप्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व मंत्री का आरोप है कि, संविदा नियुक्ति उपचुनाव में स्व-सहायता समूहों को प्रभावित करने के लिए की गई है.
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि, ग्रामीण आजीविका मिशन को बीजेपी सरकार ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का अड्डा बना दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि, आजीविका मिशन में एक अधिकारी को संविदा पर चुनाव प्रभावित करने के लिए नियुक्ति किया गया है, जबकि उस अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त से अन्य जांच चल रही है.
कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि, 'तत्काल बेलवाल की संविदा नियुक्ति सरकार निरस्त करें. अन्यथा कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ वैधानिक और जन जागरण की कार्रवाई करेंगी'. पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि, 'बीजेपी ने जिस प्रकार संस्थाओं और शासकीय विभागों में राजनीतिकरण की शुरुआत की है, उसके घातक परिणाम सामने आएंगे'. उन्होंने कहा,'जन अभियान परिषद का राजनीतिक उपयोग और चुनाव में भाजपा का प्रचार- प्रसार करने की बात साबित हो चुकी है. यह सिर्फ इसलिए कि, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में जो स्व सहायता समूह बने हैं, उन्हें बीजेपी का वोट बैंक बनाना है. यह पद आईएएस कैडर का है, लेकिन सरकार ने रिटायर्ड IFS को नियुक्त किया गया है. जाहिर है कि, सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि, उसके पास योग्य आईएएस अधिकारी नहीं है. वरना भ्रष्टाचार के आरोपी को संविदा नियुक्ति क्यों दी जाती. ना कोई विज्ञापन, ना ही कोई नियम कानून, सबकी अनदेखी हुई है. किस मुंह से सरकार कह सकती है कि, हम नैतिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं'.