भोपाल। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि कंपोजिट शराब दुकानों की नीति के बाद प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या तीन गुनी हो गई है. इसके लिए सरकार ने शराब ठेकेदारों से खूब कमीशन लिया है. वहीं उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी को लेकर हफ्ते दो हफ्ते में शराब की दुकान पर पत्थर चलाती हैं. इसके बाद सीएम उनसे मिलते हैं और वे फिर शांत हो जाती हैं.
अचानक शांत क्यों हो जाती हैं उमाभरती :जीतू पटवारी ने पूछा कि आखिर ऐसा क्या होता है कि उमा भारती इसके बाद कुछ समय शांत रहती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह विवाद शराब ठेकेदारों से कमीशनखोरी का है. उमा भारती और सरकार के बीच शराब के कमीशन को लेकर विवाद चल रहा है. सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है, प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को सरकार नशाखोरी की राह पर लेकर जा रही है.