भोपाल। ई-टेंडरिंग में टैंपरिंग मामले में बहुत जल्द तत्कालीन मंत्री, अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है. इससे जुड़ी कंपनी ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन के दफ्तर पर सर्चिंग और 3 अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब ईओडब्ल्यू की टीम तत्कालीन मंत्री और अफसरों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है.
ई-टेंडरिंग में घोटाले का मामला, तत्कालीन मंत्री और अधिकारियों को EOW जारी कर सकता है नोटिस - एफआईआर
ई-टेंडरिंग मामले में एफआईआर और गिरफ्तारी के बाद अब EOW तत्कालीन बीजेपी सरकार के कुछ मंत्रियों और अधिकारियों को नोटिस भेज सकता है. ई-टेंडर घोटाले में फिलहाल ईओडब्ल्यू की टीम ने 9 कंपनियों के डायरेक्टरों पर एफआईआर दर्ज की है.
बताया जा रहा है कि इस मामले से जुड़े पूर्व की बीजेपी सरकार के तत्कालीन मंत्रियों को ईओडब्ल्यू नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकता है. ई-टेंडर घोटाले में फिलहाल ईओडब्ल्यू की टीम ने 9 कंपनियों के डायरेक्टरों पर एफआईआर दर्ज की है. यह एफआईआर फायदा पहुंचाने को लेकर की गई है. अब तक करीब साढे़ 3 लाख टेंडर हो चुके हैं, जिसमें हुई जांच के बाद यह भी सामने आया है कि इनमें से 500 से ज्यादा टेंडर एक ही कंपनी को दिए गए हैं. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का मानना है कि सरकारी अधिकारी और उच्च पदों पर बैठे लोगों की मिलीभगत के बिना यह घोटाला संभव ही नहीं है.
वहीं पूर्व मंत्रियों की बात करें तो बीजेपी के तत्कालीन मंत्री भूपेंद्र सिंह, उमाशंकर गुप्ता, नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह और कुसुम मेहदले से भी पूछताछ की जा सकती है. एफआईआर दर्ज करने के बाद ईओडब्ल्यू की टीम साल 2014 से अब तक हुए ई-टेंडर्स की जांच कर रही है. अभी जिन कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनकी बारीकी से जांच की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, ई-टेंडर घोटाले के अलावा माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी और केंद्रीय सहकारी बैंक के साथ ही पोषण आहार घोटाले में भी जल्द ही ईओडब्ल्यू की टीम एफआईआर दर्ज कर सकती है.