भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बताया कि चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) के एक गिरफ्तार पूर्व बिशप के खिलाफ मध्य प्रदेश में धन शोधन जांच के तहत करोड़ों रुपये की हेराफेरी और गिरजाघर की संपत्तियों की कथित हेराफेरी का पता लगाया है. पूर्व बिशप पीसी सिंह को ईडी ने पिछले महीने राज्य के जबलपुर जिले से गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में 22 अप्रैल को पुणे, जालंधर, कोलकाता और मध्य प्रदेश के पचमढ़ी और इंदौर में पांच स्थानों पर नए सिरे से तलाशी ली है.
पीसी सिंह का भ्रस्टाचार: ईडी ने एक बयान में कहा कि चर्च के धन के "गबन" के इस मामले में जांच के दौरान दस्तावेज जब्त किए गए थे. एजेंसी ने इससे पहले मामले के सिलसिले में जबलपुर, मुंबई, रांची और नागपुर में छापेमारी की थी और मार्च में बिसप पीसी सिंह के आवास से 5 लाख 37 हजार 500 रुपये जब्त किए थे. ईडी ने दावा किया कि प्रथम दृष्टया, सीएनआई के विभिन्न पदाधिकारी, जिनमें पी सी सिंह और सीएनआई के तहत एक ट्रस्ट के पूर्व प्रबंध निदेशक शामिल हैं. चर्च की संपत्तियों को खराब होने और अतिक्रमण के रूप में दिखाकर बहुत कम कीमतों पर बिक्री/किराए पर देकर दुरूपयोग किया गया है.
ईडी ने बताया कि इसमें सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और पचमढ़ी में एक-एक इमारत के साथ दो एक एकड़ के भूखंडों को 15 साल के लिए 12,500 रुपये प्रति माह के किराये पर एक निजी संस्था सतपुड़ा रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दिया गया था. एजेंसी ने कहा कि उसे "प्रथम दृष्टया संपत्तियों की बिक्री के खिलाफ सीएनआई के तहत ट्रस्ट को भुगतान किए जाने वाले करोड़ों रुपये के डायवर्जन के कई उदाहरण मिले हैं."