भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार द्वारा भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम पर कहा कि भाजपा ने गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर बड़ा आयोजन किया. यह आयोजन तेंदूपत्ता संग्राहको को बोनस बांटने के नाम पर किया गया. कमलनाथ ने कहा कि 67 करोड़ के बोनस बांटने के लिए 20-25 करोड़ रुपए इस इवेंट के नाम पर लुटा दिए गए. भाजपा हर काम को इवेंट के जरिए करती है. इवेंट करना उनकी आदत बन चुका है.
भाजपा इवेंट के नाम पर खजाना लुटाती है :पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा प्रदेश के खजाने को इसी तरह इवेंट के नाम पर लुटाती आई है. उन्होंने कहा कि दो वर्ष बाद यह बोनस दिया गया और वह भी करोड़ों लुटाकर. यदि यह राशि इन वर्गों के हित व कल्याण के लिए खर्च की जाती तो शायद इस वर्ग का ज्यादा भला होता. प्रदेश में जनजाति वर्ग की हालत किसी से छिपी नहीं. आगामी चुनाव को देखते हुए आदिवासी वर्ग व दलित वर्ग को साधने के लिए बीजेपी ने यह आयोजन किया. कमलनाथ ने कहा कि हर कोई जानता है कि देश में सबसे ज़्यादा जनजातीय वर्ग के लोग मध्यप्रदेश में रहते हैं और उनकी हालत किसी से छुपी नहीं है.
आदिवासी वर्ग पर अत्याचार बढ़े :कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी वर्ग पर देशभर में दर्ज होने वाले अपराधों में मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी 23 फ़ीसदी है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश आदिवासी उत्पीड़न में देश में शीर्ष पर आया है. हमने नेमावर की, खरगोन की, खंडवा की घटनाएं देखी हैं. किस प्रकार से इस वर्ग के साथ अत्याचार व दमन किया जा रहा है. इवेंट के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए. कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार में तेंदूपत्ता संग्राहको की राशि को 2000 से बढ़ाकर 2500 रुपए की थी. अभी कुछ दिनों पूर्व ही मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की थी कि छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर इस राशि को बढ़ाकर 4500 रुपए की जाए.
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भाजपा को आदिवासी वर्ग की चिंता नहीं :मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जंबूरी मैदान में शिवराज सरकार को इस बारे में निर्णय लेना चाहिए था, लेकिन उल्टा इस इवेंट के नाम पर करोड़ों रुपए लुटा दिए गए. वास्तव में भाजपा सरकार को यदि तेंदूपत्ता संग्राहको की,आदिवासी व दलित वर्ग की चिंता है तो उनके साथ होने वाली उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं. इन वर्ग के हित व कल्याण के लिए ठोस योजनाएं बनाएं. कमलनाथ ने कहा भाजपा सरकार कभी जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर, कभी अन्य आयोजन के नाम पर करोड़ों रुपया लुटा रही है.