भोपाल। मध्यप्रदेश में संपन्न हुए 28 विधानसभा उपचुनाव के बाद 10 नवंबर को मतगणना होना है. मतगणना में गड़बड़ी न हो इसको लेकर कांग्रेस काफी सजग है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा है कि सुमावली, मुरैना और मेहगांव में पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में खुलेआम गोली चली और मतदान को प्रभावित किया गया. इसके सबूत विभिन्न माध्यमों से जनता के सामने भी आए हैं, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा रि-पोलिंग नहीं कराने और कार्रवाई नहीं करने से दुखद स्थिति निर्मित हुई है. उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो कर्मचारी अधिकारी राजनीतिक संरक्षण के लिए चुनाव प्रभावित कर रहे हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि राजनीतिक संरक्षण कभी स्थाई नहीं होती है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सुमावली, मुरैना, मेहगांव सहित अन्य उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बीजेपी के लोगों ने हिंसक घटनाओं के माध्यम से और गोली चलाकर बूथ कैपचरिंग की. उन्हें इसके लिए खुलेआम पुलिस और प्रशासन का संरक्षण मिला. कमलनाथ का कहना है कि इन सारी घटनाओं का वीडियो और खबरें विभिन्न प्रचार माध्यमों से सामने आई हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि चुनाव आयोग ने शिकायतों और प्रमाणों के बाद भी ऐसे बूथों पर रि-पोलिंग करवाना उचित नहीं समझा. इस तरह की घटनाओं की प्रमाणिकता से शिकायतों के साथ प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत किए गए. लेकिन फिर से मतदान कराने का निर्णय नहीं लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह की घटनाओं पर अपराधिक मामले भी दर्ज नहीं किए गए. इन तथ्यों से स्पष्ट है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा ऐसे तत्वों की खुलकर मदद की गई है, उनकी मूक सहमति से ही ये घटनाएं घटित हुई हैं.