भोपाल।मध्यप्रदेश में देवी-देवताओं के चित्र वाले पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. मंत्रालय में आयोजित सुरक्षा व्यवस्था की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में विदेशी पटाखों की बिक्री नहीं होगी. दीवाली पर सिर्फ देश में निर्मित पटाखों को ही बेचा जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने लोगों से भी अपील की है कि देश में बने पटाखे खरीदें और ऐसे पटाखे ना खरीदें जिस पर देवी-देवताओं के चित्र हों.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गृह विभाग ने जारी किए आदेश
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी जिलों में विदेशी पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर को इस संबंध में आदेश जारी की है. गृह विभाग ने 125 डेसीमल से ज्यादा आवाज के पटाखों की बिक्री पर भी रोक लगाई है. विदेशी पटाखों की बिक्री करने पर विक्रेता का लाइसेंस रद्द किया जाएगा.
ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर भी रहेगी नजर
विदेशी पटाखों की बिक्री पर रोक के लिए ई-कॉमर्स साइटों पर भी निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं. इस निर्देश के बाद प्रदेश में सिर्फ देश में बने पटाखों की ही बिक्री की जा सकेगी.
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गृह विभाग ने दिए ये आदेश
- विदेशी पटाखों के अवैध भंडारण और बिक्री पर कार्रवाई करते हुए ऐसी दुकानों का निरीक्षण किया जाएगा जहां ये इस तरह के पटाखे मिलेंगे.
- व्यापारी के पास 125 डेसीमल से ज्यादा आवाज वाले पटाखे मिलने पर पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
- पटाखा व्यापारी 125 डेसीमल से ज्यादा आवाज वाले पटाखों की बिक्री नहीं कर सकेंगे.
- ई-कॉमर्स साइटों पर विदेशी पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी निगाह रखी जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी.
प्रदूषण को लेकर चिंता
दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रदेश में बने पटाखों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए विदेशी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद गृह विभाग ने सभी जिलों को यह आदेश जारी किए हैं. वहीं दीवाली पर होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए तय लिमिट से ज्यादा ध्वनि के पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध भी लगाया गया है.
कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार चिंतित
कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदूषण को लेकर भी सरकार चिंतित है. आशंका जताई जा रही है कि प्रदूषण बढ़ने के साथ ही कोरोना के केस में बढ़ोतरी हो सकती है. इसी कारण सुरक्षा पर की दृष्टी से सरकार ने ये फैसला लिया है.
एनजीटी में याचिका दायर
कोरोना काल में दीवाली के समय पटाथा फोड़ना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है, पटाखा फोड़ने से प्रदूषण तो फैलेगा ही साथ ही कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीज या फिर वह लोग जो कि कोरोना वायरस से ठीक होकर वापस घर लौटे हैं, उन लोगों के लिए पटाखों का यह धुआं जहर बन कर सामने आएगा. लिहाजा जबलपुर में नागरिक उपभोक्ता मंच ने इन तमाम बातों को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की है कि कोरोना काल के चलते आखिर क्यों न इस दीवाली पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए.
गुरुवार को होगी एनजीटी में सुनवाई
नागरिक उपभोक्ता मंच के सदस्य डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव के द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल में दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना काल के समय पटाखे फोड़ना अत्यंत ही हानिकारक साबित हो सकता है. क्योंकि आम जनता इन पटाखों से निकलने वाले धुंए से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से परेशान होंगे ही पर वह लोगों के लिए यह धुंआ खासा असर करेगा जो कि कोरोना पॉजिटिव हैं या फिर इस बीमारी से ठीक हुए है, याचिका में यह भी दलील दी गई है कि पटाखों का धुआं सीधे फेफड़ों में जाकर असर करेगा, नागरिक उपभोक्ता मंच के द्वारा दायर की गई इस याचिका की सुनवाई गुरुवार को होना तय किया गया है.