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गायंत्री जयंती पर नैनो पद्धति से 100 देशों के अनुयायी एक साथ करेंगे यज्ञ, गायत्री परिवार ने जारी की गाइडलाइन

1 जून को गायत्री जयंती का पर्व पूरे विश्व में मनाया जाता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस साल कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. गायत्री परिवार के लोग अपने-अपने घरों में रहकर ही यज्ञ करेंगे. गायत्री परिवार का मानना है कि ये यज्ञ विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने वाला साबित होगा.

Followers of 100 countries will perform Yajna together on Nautical system on Gayantri Jayanti
गायंत्री जयंती पर नैनो पद्धति से 100 देशों के अनुयायी एक साथ करेंगे यज्ञ

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Published : May 24, 2020, 5:27 PM IST

भोपाल।1 जून को गायत्री जयंती का पर्व पूरे विश्व में मनाया जाता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस साल कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. बल्कि नैनो पद्धति के माध्यम से गायत्री परिवार के लोग अपने-अपने घरों में रहकर ही यज्ञ करेंगे. इस दौरान घरों में ही छोटे रूप और उपलब्ध सामग्री से हवन किया जाएगा. गायत्री परिवार का मानना है कि ये यज्ञ विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने वाला साबित होगा.

गायत्री परिवार की ओर से जानकारी दी गई है कि इस साल नैनो पद्धति को अपनाया जा रहा है. जिसमें गायत्री परिवार का प्रत्येक सदस्य घर में रहकर इसे आसानी से संपन्न कर सकता है. जो परिजन खुद से हवन करने में असहज महसूस करेंगे, वे पंडितों के द्वारा ऑनलाइन कराए जा रहे हवन को देख कर भी विधान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये यज्ञ कोरोना मुक्ति और मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा. गायत्री परिवार के द्वारा बताया गया है कि केंद्रीय आयुष विभाग द्वारा ये प्रमाणित किया गया है कि यज्ञ से वातावरण शुद्ध यानी सैनिटाइज होता है और इससे विषाणुओं का खात्मा भी हो जाता है. गायत्री परिवार से जुड़े लोग अपने परिचितों, मित्रों, रिश्तेदारों, सामाजिक संगठनों और संस्थाओं को यज्ञ के वैज्ञानिक लाभ और उसके उद्देश्य के बारे में भी बताने का काम करेंगे.

जानकारी के मुताबिक गायत्री जयंती के दौरान दुनिया के 100 देशों में रह रहे अनुयायी एक साथ गायत्री मंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करेंगे. गायत्री यज्ञ एवं उपासना का आयोजन शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश एवं जिला ट्रस्ट गायत्री परिवार भेल (भोपाल) के मार्गदर्शन में संपन्न किया जाएगा. इसके लिए एक गाइड लाइन भी ट्रस्ट द्वारा जारी की गई है. ताकि विधि-विधान और नियम अनुसार यज्ञ संपन्न कराया जा सके.

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