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बारिश से पानी-पानी एमपी: होशंगाबाद में भारी तबाही, सीएम ने किया हवाई दौरा

मध्यप्रदेश के कई जिलों में अधिक बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं, इनमें सबसे खराब स्थिति होशंगाबाद जिले की है, जहां बारिश ने भारी तबाही मचाई है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए सेना के पांच हेलीकॉप्टर बुलाए गए हैं.

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बाढ़ ने मचाई तबाही

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Published : Aug 31, 2020, 10:07 AM IST

Updated : Aug 31, 2020, 1:12 PM IST

भोपाल।देश के कई राज्यों में आफत की बारिश तबाही मचा रही है, उनमें मध्यप्रदेश भी शामिल है, जहां बारिश के कारण अधिकांश इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. मध्यप्रदेश में सबसे खराब स्थिति होशंगाबाद जिले की है. जहां बीते 24 घंटे में 340.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है. ऐसे में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिले में लगातार भारी बारिश और तवा, बारना, बरगी बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी में बाढ़ की स्थिति बन रही है. प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए सेना के पांच हेलीकॉप्टर बुलाए गए हैं. भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किए थे. नर्मदा के बढ़ते जलस्तर के कारण किनारे पर बसे गांवों में बाढ़ का पानी भर गया, जिसे देखते हुए सीएम ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा किया. मुख्यमंत्री ने सीहोर, होशंगाबाद और नर्मदा के किनारे गांवों के बाढ़ और अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.

बाढ़ से तबाही

सीएम ने रातभर लिया राहत कार्यों का जायजा

सीएम रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति के बारे में बताया था, इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी है. सीएम ने कहा कि रात भर प्रशासन और वे स्वयं राहत और बचाव में लगे रहे. बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 411 गांवों के करीब 9 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. कुछ जगहों पर बचाव और राहत कार्य जारी है. सीएम ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री से सेना के 5 हेलीकॉप्टर मांगे गए. सेना के हेलीकॉप्टर आने के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. सीएम ने कहा कि इस समय राज्य के विभिन्न बाढ़ग्रस्त इलाकों के 170 राहत शिविरों में 9 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं. बालाघाट में फंसे कुछ लोगों की सेना की मदद से एयरलिफ्ट किया गया.

9 जिलों के 364 गांव बाढ़ की चपेट में

मध्यप्रदेश के 9 जिलों के 394 से ज्यादा गांवों में भीषण बाढ़ आई है. यहां के 7 हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविर में ले जाया गया है, जहां पर रुकने, भोजन, दवाओं आदि सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं. प्रदेश के तीन जिले होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन में कई गांव बाढ़ से घिरे हैं. छिंदवाड़ा जिले में 5 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया. होशंगाबाद, रायसेन और सीहोर जिलों में बाढ़ में मदद के लिए सेना बुलाई गई है. वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्यों में लगी हैं. होशंगाबाद जिले में बीते 24 घंटे में 340.4 मिमी बारिश हो चुकी है, डोलरिया में 120 मिमी, इटारसी में 107.4 मिमी, पिपरिया में 105.8 मिमी, सोहागपुर में 103.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

भोपाल में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
भोपाल शहर 93.1 मिमी
बैरागढ़ 112 मिमी
कोलार 69.8 मिमी
नवीबाग 62.8 मिमी
बैरसिया 55.1 मिमी

रायसेन में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
सुल्तानपुर 103 मिमी
बाड़ी 85 मिमी

विदिशा में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
ग्यारसपुर 102 मिमी
लटेरी 86 मिमी

इंदौर में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
देपालपुर 167.7 मिमी
सांवेर 104.4 मिमी

सीहोर में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
बुधनी 276 मिमी
इछावर 267 मिमी
रेहटी 266 मिमी
जावर 228 मिमी
नसरुल्लागंज 215 मिमी
आष्टा शहर 202 मिमी
श्यामपुर 142 मिमी

उज्जैन में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
महिदपुर 257 मिमी
घट्टिया 253 मिमी
तराना 190 मिमी
नागदा 140 मिमी
खाचरौद 132 मिमी

देवास में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
सोनकच्छ 208 मिमी
खातेगांव 197 मिमी
हटपीपल्या 192 मिमी
टोंकखुर्द 186 मिमी
कन्नौद 171 मिमी

आगर में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
बड़ौद 220 मिमी

रतलाम में बारिश का आंकड़ा

जगह का नाम दर्ज बारिश
पिपलौदा 204 मिमी
सैलाना 203 मिमी

मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ आ गई है, राज्य में ये 1999 के बाद पहला मौका है, जब इतने लोग बाढ़ प्रभावित हैं. अभी भी राज्य के 40 जिलों में 1200 लोगों के फंसे होने की खबर है. जिसे देखते हुए लगातार प्रशासन मुस्तैदी से कार्य कर रहा है. सीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया है. उन्होंने कहा कि राहत शिविर में भी कोरोना से बचने के पूरे इंतजाम किए गए हैं. बाढ़ की वजह से किसानों की फसलें भी बर्बाद हुई हैं. इन सबकी भरपाई फसल बीमा योजना और आपदा कोष से की जाएगी.

Last Updated : Aug 31, 2020, 1:12 PM IST

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