ग्वालियर/ शिवपुरी/ श्योपुर/ दतिया.मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. पिछले 48 घंटे से जारी बारिश रुकने का नाम नहीं ले रहे है. ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, मुरैना जिलों में चंबल, पार्वती, सिंध सहित कई नदियां उफान हैं. गांव टापू में बदल चुके हैं. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. स्थानीय लोग मुसीबतों से मशक्कत कर रहे हैं. बाढ़ में घिरे लोगों की जान बचाने के सरकारी प्रयास भी हो रहे हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और वायुसेना रेस्क्यू में जुटे हैं. लेकिन जो नजर नहीं आ रहे हैं वे हैं जन प्रतिनिधी मतलब नेताजी. जनता त्राहिमाम कर रही है और नेताजी ट्विटर से राहत भेज रहे हैं.
मुसीबत में नजर नहीं आए नेताजी
पूरे चंबल रीजन में पिछले 2-3 दिन से हो रही बारिश से हालात खराब हैं. लोग मुसीबत हैं और अपने नेताओं से मदद की उम्मीद लगा रहे हैं, लेकिन आपदाकाल में नेताजी कहीं भी नजर नहीं आए. उत्सव, उद्घाटन या सार्वजनिक कार्यक्रम में पूरे लाव-लश्कर और समर्थकों के साथ मौजूद रहने वाले स्थानीय नेता मुसीबत के इस दौर में जमीन से नदारद हैं. वे नजर तो आ रहे हैं लेकिन सिर्फ ट्विटर पर और अपने ट्वीट से राहत भी भेज रहे हैं अब ये ट्विवटर वाली राहत जनता के कितने काम आएगी ये तो नेताजी ही जाने.
अंचल से कई मंत्री! मुश्किल में नदारद
ग्वालियर चंबल संभाग से प्रदेश ही नहीं केंद्रीय मंत्री भी हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, कमलनाथ प्रदेश सरकार में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री यशोधरा राजे जैसे बड़े नाम अंचल से ही आते हैं, लेकिन खास बात यह है कि जनता पर जो मुसीबतों का सैलाब आया है उसमें ये बड़े नाम वाले नेता मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.
ट्विटर से भेज रहे हैं राहत!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि उन्होंने भोपाल और शिवपुरी में बाढ़ के हालातों को लेकर कंट्रोल रूम बनाया है जहां वे खुद नजर रख रहे हैं. सीएम केंद्रीय मंत्रियों और प्रधानमंत्री से बातचीत भी कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को मदद का भरोसा भी दिलाया है, लेकिन सवाल उठता है स्थानीय नेताओं की मौजूदगी का. शिवपुरी में जो बाढ़ राहत के लिए जो कंट्रोल रूम बनाया गया है उसे यशोधरा राजे और महेंद्र सिंह सिसौदिया मॉनिटर कर रहे हैं. लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत है कि इन दोनों में से कोई भी शहर में कहीं नजर नहीं आया. दतिया में भी बाढ़ से हालात खराब हैं यहां का प्रतिनिधित्व करने वाले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दावा कर रहे हैं कि वे स्थानीय लोगों के टच में हैं, लेकिन नजर सिर्फ ट्विवटर आए या प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सक्रिय दिखे लेकिन ट्विटर पर दूसरे बड़े केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी परेशान जनता को ट्वीट के जरिए राहत भेज रहे हैं. हालांकि इनमें से कई नेता ऐसे भी हैं जैसे नरेंद्र सिंह तोमर और दिग्विजय सिंह जिन्होंने प्रदेश में बने बाढ़ के हालातों और जनता को परेशानी से राहत दिलाने के लिए एक ट्वीट भी करना जरूरी नहीं समझा.