ग्वालियर/विदिशा/राजगढ़/गुना।मध्य प्रदेश के चंबल अंचल में आई बाढ़ अब धीरे-धीरे प्रदेश के मध्य भाग में पहुंच रही है. पार्वती नदी दोबारा उफान पर आने से गुना, विदिशा और राजगढ़ जिले में भी बाढ़ का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में भारी बारिश की संभावनाओं के बीच जिस इलाके में बारिश रुक चुकी है, उन इलाकों में भी हालात ठीक नहीं है. बाढ़ में किसी के सर से छत चली गई, तो किसी का अनाज पूरी तरह से बर्बाद हो गया. हालांकि प्रदेश सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देने की बात कही है.
ग्वालियर जिले के डबरा और भितरवार विधानसभा में कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से पूरी तरह बर्बाद हो गए है. विदिशा जिले के कुरवाई तहसील में 4 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टुट गया है. सिरोंज में 8 गांव में 250 लोग फंस गए. रेस्क्यू टीम ने 124 लोगों को निकाल लिया गया है बाकी 126 का रेस्क्यू जारी है. पार्वती नदी उफान पर आने से गुना के 8 गांवों में पानी घुस गया है. सोढ़ी गांव टापू बन गया है. यहां 180 लोग फंसे हुए हैं. राजगढ़ जिले में 4 दिन से लगातार हो रही बारिश में खिलचीपुर की गाड़ गंगा नदी उफान पर है. नदी पर बना छोटा पुल पानी मे डूब चुका है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
ग्वालियर |
80 फीसदी मकान मलबे में हुए तब्दील
जिले के भितरवार विधानसभा में सैकड़ों गांव ऐसे हैं जो बाढ़ की चपेट में आने से पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. पानी बेशक कम हो गया है, लेकिन तबाही का मंजर खौफनाक है. भितरवार विधानसभा के पलायक्षा गांव में सन्नाटा छाया हुआ है. यह गांव पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है और इस गांव में बाढ़ की तबाही का सबसे रूद्र रूप देखा गया. ग्रामीणों का कहना है कि तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर इससे पहले कभी नहीं देखा. इस गांव में 80 फीसदी मकान पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए.
ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा बर्बादी अनाज की हुई है. क्योंकि इस गांव में कृषि ज्यादा होती थी. हर घर में क्विंटल के हिसाब से अनाज भरा हुआ था. बाढ़ के पानी में सब बह गया. खाने के लिए अब एक दाना नहीं बचा. इसके साथ ही जब बाढ़ आई तो गांव वालों ने अपने मवेशियों को छोड़ दिया, लेकिन अब मवेशियों का कही पता नहीं चल रहा. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के पानी में सभी मवेशी बह गए.
गुना |
शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश
गुना जिले में शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश हो चुकी है. शुक्रवार को सुबह 8 बजे से पांच बजे तक 6 इंच से ज्यादा बारिश हुई. बमोरी में सबसे ज्यादा 1592 मिमी बारिश दर्ज हुई है. चौपेटा नदी पर बने गोपीकृष्ण सागर बांध के 3 गेट 15 मीटर खोल दिए. पार्वती नदी भी उफान पर आने से 8 गांवों में पानी भर गया है. पार्वती नदी के किनारे बसा सोढ़ी गांव टापू बन गया. इस गांव में करीब 180 लोग फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ बुलाई है. 450 लोग राहत शिविरों में लाए गए हैं.
शहर के बूढ़े बालाजी स्थित गौशाला में 4 फीट तक पानी भर गया. गौशाला की दीवार तोड़कर गायों को रेस्क्यू किया गया. तेज बहाव में बह जाने से 2 गाय की मौत हो गई. शहर की दो दर्जन बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. 20 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए. लोगों के घरों में 5-5 फीट तक पानी भरा है. सड़कों पर 3 फीट तक पानी पहुंच गया. कई गांवों में भी पानी भर गया है. राजस्थान को जोड़ने वाले तीनों रास्ते बंद हैं.
दतिया |
अनाज, सामान, कपड़े सबकुछ हुआ बर्बाद
दतिया के कोटरा गांव में रहने वाली 80 साल की लक्ष्मीबाई ने बताया कि उनके घर में सारे सामान बर्बाद हो गए हैं. न खाने को कुछ बचा है, न रहने को, न सोने को. घर में रखा अनाज खराब हो गया है, सामान भी खराब हो गया है. बहुत सारा सामान बह गया है. पहनने को कपड़े तक नहीं बचे हैं. ये ही हाल गांव के लगभग हर घर का है. लक्ष्मी ने बताया कि 2 रात और 2 दिनों तक उनके घर पानी में डूबे रहे. इतने सालों में ऐसी तबाही उन्होंने नहीं देखी.