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दुष्कर्म के आरोपियों को उम्रकैद, दो साल पहले नाबालिग के साथ किया था सामूहिक बलात्कार - भोपाल में बलात्कारियों को उम्रकैद

टीला जमालपुरा क्षेत्र में साल 2018 में एक नाबालिग के साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म करने वाले पांच आरोपियों के खिलाफ जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं नाबालिग लड़की को देह व्यापार के धंधे में धकेलने वाली महिला समेत तीन अन्य आरोपियों को 20 साल की सजा सुनाई गई है.

Five accused of raping a minor, life imprisonment, 3 to 20 years imprisonment
नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले पांच आरोपियो को आजीवन कारावास, 3 को 20 साल की सजा

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Published : Sep 29, 2020, 9:20 AM IST

भोपाल। शहर के टीला जमालपुरा क्षेत्र में साल 2018 में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म का मामला सामने आया था. साथ ही नाबालिग को एक महिला ने देह व्यापार में भी ढकेल दिया था, मामला संज्ञान में आने के बाद टीला जमालपुरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संबंधित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जिसमें एक महिला भी शामिल थी. इस मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं नाबालिग को देह व्यापार में धकेलने वाली महिला समेत तीन अन्य आरोपियों को 20 साल की सजा सुनाई गई है.

भोपाल में कुमुदिनी पटेल के स्पेशल कोर्ट नाबालिग से सामूहिक बलात्‍कार के आरोपी सूफियान उर्फ भैया उर्फ कबूतर, शाहरूख , फैजल उर्फ फैसल , अल्‍ताफ , अरूण यादव उर्फ गांगूली को आजीवन कारावास, अर्थदंड और महिला आरोपी प्रियंका चौहान, अंकित माहेश्‍वरी, प्रकाश कजौरिया को 20 साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक टीपी गौतम, मनीषा पटेल, एवं रचना श्रीवास्‍तव ने कोरोना महामारी के बीच न्‍यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और प्रत्‍यक्ष रूप से भी साक्षियों के कथन अंकित कराये और लिखित अंतिम तर्क प्रस्‍तुत किया.

विशेष लोक अभियोजकों ने तर्क प्रस्‍तुत किया है कि 15 वर्षीय नाबालिग को शादी का झांसा देकर और उसे भगाकर सामूहिक बलात्‍कार करने, साथ ही वैश्‍यावृत्ति में झोंक दिया जाना एक बेहद गंभीर अपराध है. ऐसे अपराधियों के साथ कोर्ट कठोर रूख अपना कर दोषसिद्धि कर अधिकतम सजा से दंडित करना जरुरी है, वहीं सभी तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने यह सजा सुनाई.

बता दे देश में कोरोना महामारी के बीच न्‍यायालय में सीमित काम किए जा रहे हैं, लेकिन आरोपी ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय में लगाये आवेदन पर न्यायालय द्वारा इस प्रकरण का विचारण पूर्ण कर 15 दिसम्‍बर 2020 तक सूचित करने के लिए निर्देशित किया था. उक्‍त के परिपालन में अभियोजन ने मात्र एक माह के भीतर ही सभी साक्षियो की साक्ष्‍य अंकित कराकर मामले का विचारण पूर्ण कराकर आरोपियों को उक्त सजा दिलाई.

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