भोपाल। सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य ने भी पन्ना टाइगर पार्क की तरह बाघ पुनर्स्थापना में सफलता हासिल की है. बाघ शून्य हो चुके इस जंगल में अप्रैल-2018 में बांधवगढ़ से बाघ और पेंच टाइगर रिजर्व से बाघिन को लाया गया था. बाघ को एन-2 और बाघिन को एन-1 नाम दिया गया. बाघिन एन-1 ने कुछ माह पूर्व ही 3 शावकों को जन्म दिया, जो पिछले दिन अपनी मां के साथ कैमरे में पहली बार ट्रैप हुए. इसी साल 526 बाघों के साथ टाइगर स्टेट बने मध्यप्रदेश के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
तीन शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई बाघिन, सिखा रही जंगल में जीने के गुर - Nauradehi sanctuary
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद बाघों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है. प्रदेश के नौरादेही अभयारण्य में वन विभाग की ओर से लगाए गए ट्रैप कैमरे में पहली बार बाघिन अपने तीन शावकों के साथ कैद हुई है. वन विभाग ने इनके चित्र जारी किए हैं.
बाघिन बड़े जतन से कर रही शावकों का पालन-पोषण
बाघ एन-2 प्राकृतिक परिवेश में पला-बढ़ा था, जबकि बाघिन पेंच टाइगर रिजर्व की मशहूर नाला बाघिन की बेटी थी. मां की मौत के बाद तीन माह की बाघिन को कान्हा के घोरेला एन्क्लोजर में पालने के बाद इसे दो साल 3 माह की उम्र में नौरादेही अभयारण्य में छोड़ दिया गया था. इंसानों के बीच पाली गई यह बाघिन बड़े जतन से अपने शावकों की रक्षा और पालन-पोषण कर रही है. कैमरे में ट्रैप हुए चित्र से साफ है कि तीनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं और मां उन्हें जंगली जीवन जीने के गुर सिखा रही है.