मुंबई/भोपाल। मध्यप्रदेश से सटे महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज (Double Dose Vaccination) लगवा चुकी महिला की मौत हो गई, महिला (Covid-19) के डेल्टा प्सल वेरिएंट (Delta Plus Variant) से ग्रसित थी. इस मौत के बाद मध्यप्रदेश भी अलर्ट (MP Alert) हो गया है क्योंकि डेल्टा प्लस वैरियंट का खौफ बढ़ता जा रहा है. यह डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant Patient Dies) से पहली मौत है. हालांकि, मृत बुजुर्ग को फेफड़ें से संबंधित कई बीमारी पहले से थी. महाराष्ट्र में कुल 65 डेल्टा प्लस मरीज इस समय इलाजरत हैं, जिनमें जलगांव में 13, रत्नागिरी में 12, मुंबई में 11, ठाणे में 6, पुणे में 6, नांदेड़, गोंदिया, रायगढ़, पालघर में दो-दो, जबकि सिंधुदुर्ग, सांगली, नंदुरबार, औरंगाबाद, कोल्हापुर, बीड में एक-एक मरीज मिले हैं.
63 साल की इस महिला की मौत जुलाई के अंत में हुई थी. बुधवार को इसके जीनोम सीक्वेंसिंग के विश्लेषण से पता चला कि महिला में कोरोना का (Delta Plus Variant) मौजूद था. महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण यह दूसरी (Delta Plus Variant Patient Dies) मौत है, जबकि मुंबई शहर में पहली मौत. पूरे महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 65 मरीज मिले हैं, जिनमें से 11 अकेले मुंबई में हैं. बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि जिस महिला की मौत हुई है, उसमें कई तरह की पहले से बीमारियां थीं और उसका फेफड़ा बहुत कमजोर था. कोविड सहित डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान महिला में 21 जुलाई को हुई थी और 27 जुलाई को उसकी मौत हो गई. उसे तीन दिन तक आईसीयू में रखा गया था.
क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट ?
जिस देश से कोरोना का कोई वेरिएंट सबसे पहले सामने आता है, उसी देश के नाम पर वेरिएंट का नाम रखा जाता है, जैसे कुछ को सिंगापुर वेरिएंट या यूके वेरिएंट कहा गया था. फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसका नाम डेल्टा, बीटा, गामा, कप्पा, अल्फा कर दिया. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट यानि 6.1.617.2 ने जो कहर बरपाया है, उससे देश अभी भी जूझ रहा है. डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) कई दूसरे देशों में भी पाया गया है. यही डेल्टा वेरिएंट अब म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस में तब्दील हो गया है. यह सबसे पहले यूरोप में मिला था. कुल मिलाकर डेल्टा प्लस पुराने वेरिएंट डेल्टा का विकसित रूप है. डेल्टा वेरिएंट के ब्रिटेन में भी कई मामले सामने आ चुके हैं और डेल्टा प्लस वेरिएंट ने एक बार फिर दुनिया के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है.
कैसे बना डेल्टा प्लस वेरिएंट
डेल्टा वेरिएंट यानी बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) बना है. इस म्यूटेशन को K417N कहा जा रहा है. कोरोना वायरस के पुराने वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में थोड़े बदलाव हुए हैं. इससे यह नया वेरिएंट सामने आया है. स्पाइक प्रोटीन की ही मदद से वायरस शरीर में प्रवेश कर संक्रमित करता है. यह वायरस का भी हिस्सा होता है. K417N म्यूटेशन के कारण वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम को भेदने में कामयाब हो पाता है. वायरस के नए वेरिएंट से बचने के लिए लगातार सावधानियां बरतनी होंगी, जो अभी तक बरतते आ रहे हैं. सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहना होगा.