भोपाल।राजनीति में कब, कौन किसका दुश्मन बन जाए और कब दोस्त, कुछ भी नहीं कहा जा सकता. सब कुछ निर्भर करता है समीकरण व स्वार्थ पर. स्वार्थ के सौदे को देखते हुए सियासतदां करवट पलटने में देर नहीं करते. ऐसा ही धीरेंद्र शास्त्री व प्रीतम लोधी के बीच रिश्तों में दिखाई दिया. बीजेपी में वापसी के बाद प्रीतम लोधी के सुर बदल गए हैं. जिन धीरेंद्र शास्त्री को लेकर प्रीतम लोधी आग उगलते थे, उन्हीं की शरण में प्रीतम को जाना पड़ा. धीरेन्द्र शास्त्री और प्रीतम लोधी की आधे घंटे से ज्यादा बातचीत हुई.
ऐसे चला विवाद :दरअसल, बीजेपी में रहते प्रीतम लोधी ने पहले ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक शब्द बोले और उसके बाद उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को भी आड़े हाथों लिया. शिवपुरी में रानी अवंती बाई की जयंती कार्यक्रम के दौरान प्रीतम लोधी ने कहा कि ऐसे कथावाचको से सावधान रहें. इसके बाद कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने भी अपने प्रवचन के दौरान प्रीतम लोधी पर सीधा हमला बोला और मसल देने की बात कही. इसके बाद बवाल और भी बढ़ गया. बाद में प्रीतम लोधी को बीजेपी से बाहर कर दिया गया.